सार

Vindhya expressway: यूपी में विंध्य एक्सप्रेसवे को मंजूरी! प्रयागराज से सोनभद्र तक 320 किमी का सफर होगा आसान। पर्यटन और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा।

Vindhya expressway update: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए विंध्य एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह नया 320 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे प्रयागराज से सोनभद्र तक फैलेगा और इसका निर्माण 22,400 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इस हाई-स्पीड कॉरिडोर से छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों से कनेक्टिविटी को बेहतर किया जाएगा, जिससे व्यापार, परिवहन और पर्यटन को नई रफ्तार मिलेगी।

योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे भी तैयार किया जाएगा, जो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को गाजीपुर के रास्ते जोड़ेगा। कुंभ मेले के दौरान इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी, जिसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों की पहुंच को आसान बनाना है।

पर्यटन और धार्मिक स्थलों को मिलेगा फायदा

इस एक्सप्रेसवे से प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर जैसे जिलों में पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। सरकार इन जिलों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए एक विशेष ज़ोन विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। हाल ही में नीति आयोग के अधिकारियों के साथ इस विषय पर बैठक भी की गई थी।

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इंडस्ट्रियल ग्रोथ को मिलेगी नई दिशा

सरकार केवल यातायात और पर्यटन ही नहीं बल्कि व्यवसाय और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दे रही है। इस परियोजना के तहत वाराणसी-इकोनॉमिक रीजन को भी जोड़ा जाएगा, जिससे स्थानीय व्यापारियों और उद्योगपतियों को फायदा होगा। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के किनारे मेगा इंडस्ट्रियल पार्क बनाने की योजना भी प्रस्तावित है, जिससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

इस एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा फायदा आसपास के सैकड़ों गांवों को मिलेगा। कनेक्टिविटी बेहतर होने से ग्रामीण इलाकों के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और रोज़गार तक पहुंचने में सुविधा होगी। एक्सप्रेसवे के कारण इन गांवों में निवेश और व्यापार के नए अवसर भी बनेंगे।

कब शुरू होगा Vindhya expressway का निर्माण?

विंध्य एक्सप्रेसवे परियोजना का निर्माण जुलाई 2025 से शुरू होने जा रहा है। इसके निर्माण में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा ताकि यह भविष्य की जरूरतों को पूरा कर सके। सरकार का लक्ष्य है कि यह एक्सप्रेसवे अगले कुछ वर्षों में पूरी तरह तैयार हो जाए, जिससे उत्तर प्रदेश का बुनियादी ढांचा और मजबूत हो सके।

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