वर्ष 2025 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी के श्रम विभाग ने ऐतिहासिक सुधार किए। ई-कोर्ट, रोजगार मिशन, ESI स्वास्थ्य सेवाएं, निर्माण श्रमिक कल्याण और अंतरराष्ट्रीय रोजगार पहलों से श्रमिकों को नई दिशा मिली।

लखनऊ। वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग और श्रमिक कल्याण के दृष्टिकोण से एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी वर्ष के रूप में सामने आया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने श्रमिकों के हितों की सुरक्षा के साथ-साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह वर्ष इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि इसी दौरान भारत सरकार द्वारा चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया गया, जिन्हें श्रमिक हितों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

औद्योगिक विस्तार: कारखानों का पंजीकरण दोगुने से अधिक

प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डॉ. शन्मुगा सुंदरम ने बताया कि योगी सरकार की श्रम सुधार नीतियों का सीधा असर प्रदेश में औद्योगिक विकास के रूप में देखने को मिला। वर्ष 2025 तक, पिछले आठ वर्षों की तुलना में कारखानों का पंजीकरण दोगुने से भी अधिक हो गया।

इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा हुए, बल्कि प्रदेश का औद्योगिक वातावरण भी मजबूत हुआ। वर्ष 2025 महिला कर्मकारों के लिए भी महत्वपूर्ण रहा, जहां उन्हें अधिक सुरक्षित, सशक्त और अनुकूल कार्यपरिस्थितियां उपलब्ध कराई गईं।

श्रम न्याय सेतु: ई-कोर्ट व्यवस्था से डिजिटल श्रम न्याय

श्रम अधिनियमों के तहत लंबित मामलों की सुनवाई को सरल, पारदर्शी और तेज बनाने के लिए श्रम विभाग ने डिजिटल पहल की। 26 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'श्रम न्याय सेतु / लेबर ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म' का शुभारंभ किया। यह प्लेटफॉर्म पेपरलेस गवर्नेंस का एक सफल उदाहरण बना और इसे 19वें नेशनल डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड्स 2025 में 'पेपरलेस गवर्नेंस चैंपियन' श्रेणी में सम्मानित किया गया।

रोजगार निदेशालय और रोजगार मिशन: युवाओं को नौकरी से जोड़ने की पहल

प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन का गठन किया गया। इसके तहत देश के भीतर ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया गया। रोजगार संगम पोर्टल को विदेश मंत्रालय (MEA) से पंजीकृत 5 रिक्रूटमेंट एजेंसियों से जोड़ा गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय रोजगार के नए रास्ते खुले। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित रोजगार महाकुंभ 2025 में 16,000 से अधिक युवाओं का चयन और प्लेसमेंट हुआ, जबकि 1,612 युवाओं को विदेशों में रोजगार के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया।

अंतरराष्ट्रीय मोबिलिटी कॉन्क्लेव 2025: वैश्विक रोजगार का रोडमैप

18 दिसंबर 2025 को वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय मोबिलिटी कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया गया। इसमें भारत सरकार, अंतरराष्ट्रीय संगठन, राजदूत, रिक्रूटमेंट एजेंसियां और उद्योग संघों ने भाग लिया। इस अवसर पर सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए और एकीकृत अंतरराष्ट्रीय रोजगार सुविधा तंत्र का रोडमैप तैयार किया गया।

ESI योजना: श्रमिकों के लिए आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं

बीमित श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के उद्देश्य से 11 दिसंबर 2025 को कानपुर में “आरोग्य मंथन 2025” का आयोजन किया गया। इस दौरान QR कोड आधारित ‘माइक्रोसॉफ्ट आरोग्य शक्ति अभियान’ का शुभारंभ, आरोग्य संकल्प पत्र का विमोचन और AAA+ App की शुरुआत की गई। इस ऐप के माध्यम से श्रमिक घर बैठे डॉक्टर अपॉइंटमेंट, दवाओं की होम डिलीवरी और मेडिकल रिपोर्ट डिजिटल रूप से प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही चेन्नई, हैदराबाद और फरीदाबाद के ईएसआईसी प्रीमियर संस्थानों की बेस्ट प्रैक्टिस को उत्तर प्रदेश में लागू करने की पहल भी की गई।

निर्माण श्रमिक कल्याण: स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल पर फोकस

भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने निर्माण श्रमिकों के लिए कई नई पहल शुरू कीं। 23 दिसंबर 2025 को ऑन-साइट निःशुल्क स्वास्थ्य जांच के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट की शुरुआत की गई, जिसके पहले चरण में 10,000 श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश के 18 जनपदों में संचालित अटल आवासीय विद्यालयों की निगरानी के लिए 360 डिग्री लाइव मॉनिटरिंग कमांड सेंटर की स्थापना की गई, जिसका लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 अगस्त 2025 को किया।

RPL प्रशिक्षण और कन्या विवाह सहायता में बढ़ोतरी

निर्माण स्थलों पर Recognition of Prior Learning (RPL) प्रशिक्षण शुरू किया गया, जिससे श्रमिकों के कौशल का प्रमाणन और उन्नयन सुनिश्चित हुआ। इसके साथ ही कन्या विवाह सहायता योजना में आर्थिक सहायता बढ़ाई गई-

  • सामान्य विवाह: ₹65,000
  • अंतरजातीय विवाह: ₹75,000
  • न्यूनतम 11 जोड़ों के सामूहिक विवाह पर: ₹85,000 प्रति जोड़ा