नए साल 2026 पर युवाओं का रुझान बदला है। डिस्को और हिल स्टेशनों की जगह अयोध्या, काशी और मथुरा में लाखों युवा दर्शन-पूजन कर रहे हैं। योगी सरकार के धार्मिक-पर्यटन विकास से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जागरण को नई गति मिली है।
लखनऊ। नए साल का जश्न मनाने के लिए जहां पहले युवा पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होकर डिस्को, होटल, रेस्टोरेंट और हिल स्टेशनों का रुख करते थे, वहीं इस वर्ष इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल के लगभग पौने नौ वर्षों में उत्तर प्रदेश में हुए व्यापक धार्मिक और पर्यटन विकास का असर अब स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है।
काशी, मथुरा-वृंदावन और अयोध्या में नए साल की आध्यात्मिक शुरुआत
इस साल लाखों युवा नए साल की शुरुआत काशी, मथुरा-वृंदावन और अयोध्या में अपने आराध्य के दर्शन-पूजन से कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति उत्तर प्रदेश से शुरू हुए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की प्रतीक बन चुकी है, जिसमें प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के युवा उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं।
प्रमुख तीर्थ स्थलों पर लाखों युवाओं की रिकॉर्ड भीड़
पर्यटन विभाग के अनुसार, नए साल से कई दिन पहले ही प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थल—काशी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन और प्रयागराज—में भारी संख्या में युवा पर्यटक पहुंचने लगे हैं। 29 और 30 दिसंबर को ही अयोध्या में 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम के दर्शन किए। वहीं, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में तीन दिनों में 10 लाख और मथुरा में 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया, जिनमें युवाओं की संख्या सबसे अधिक रही।
31 दिसंबर और 1 जनवरी के लिए प्रशासन अलर्ट
31 दिसंबर और 1 जनवरी को श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है। साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गाइडलाइन भी जारी की गई है, ताकि दर्शन सुचारू रूप से संपन्न हो सकें।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे Spiritual New Year हैशटैग
धार्मिक स्थलों पर नए साल का जश्न मनाने का यह ट्रेंड सोशल मीडिया पर भी साफ दिखाई दे रहा है। #NewYear2026InAyodhya, #NewYear2026InKashi और #SpiritualNewYear जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। युवा दर्शन-पूजन के साथ दोस्तों और परिवार के साथ ली गई तस्वीरें और सेल्फी सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं।
महाकुंभ की तरह बन रहा आध्यात्मिक उत्सव का माहौल
ऐसा ही रुझान पिछले वर्ष प्रयागराज में आयोजित दिव्य-भव्य महाकुंभ के दौरान भी देखने को मिला था, जहां देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने उपस्थिति दर्ज कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुए धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान ने युवाओं के भीतर आध्यात्मिक चेतना को नई दिशा दी है।
सनातन संस्कृति उत्सव और उल्लास की प्रतीक: विश्व भूषण मिश्र
काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र का कहना है कि सनातन संस्कृति उत्सव, उत्साह और उल्लास का केंद्र है। वर्तमान समय में चाहे भारतीय पर्व हों या पश्चिमी उत्सव, सनातन आस्था के केंद्रों पर श्रद्धालुओं की संख्या अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है।
धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार से पर्यटन को मिली नई गति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से अयोध्या में भव्य राम मंदिर, वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, मथुरा-वृंदावन, प्रयागराज, विंध्याचल, नैमिषारण्य, संभल और मुजफ्फरनगर के शुक्रतीर्थ सहित कई पुरातन मंदिरों का जीर्णोद्धार हुआ है। इन स्थलों तक बेहतर सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के साथ होटल और पर्यटन सुविधाओं का भी विकास हुआ है।
सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ रहा युवा वर्ग
पर्यटन और संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित दिव्य-भव्य उत्सवों ने युवाओं में सनातन संस्कृति और परंपराओं के प्रति आकर्षण बढ़ाया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के इन प्रयासों से न केवल उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिला है, बल्कि युवा अपनी सांस्कृतिक जड़ों से भी मजबूती से जुड़ रहे हैं।


