UP कैबिनेट ने सभी मंडल मुख्यालयों पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र (DDRC) खोलने का फैसला लिया है। आधुनिक सुविधाओं से लैस इन केंद्रों में उपचार, परामर्श, प्रशिक्षण और यूडीआईडी जैसी सेवाएं मिलेंगी। यह पहल समावेशी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

लखनऊ। दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 02 दिसंबर को बड़ा निर्णय लिया। अब प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र (DDRC) स्थापित किए जाएंगे।

पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम दिव्यांगजनों की जीवन यात्रा में आने वाली बाधाओं को दूर करेगा और सरकार की संवेदनशीलता तथा उनकी भलाई के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

केंद्रों की स्थापना के लिए कार्ययोजना तैयार

मंत्री नरेंद्र कश्यप ने बताया कि कैबिनेट के निर्णय को लागू करने के लिए विभाग ने कार्ययोजना बनाना शुरू कर दिया है। प्रस्ताव है कि प्रत्येक डीडीआरसी केंद्र पर कम से कम 8 तकनीकी अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए जाएं। ये अधिकारी दिव्यांगजनों की समस्याओं का समाधान, परामर्श, उपचार और पुनर्वास का कार्य संभालेंगे।

DDRC केंद्रों की डिजिटल पंजीकरण प्रणाली और ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम भी विकसित किया जाएगा, ताकि दिव्यांगजनों की समस्याओं का त्वरित और पारदर्शी समाधान सुनिश्चित हो सके। इन केंद्रों के माध्यम से जन्म से किसी भी उम्र तक दिव्यांगता की पहचान कर उसका समाधान कराया जाएगा।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे सभी डीडीआरसी केंद्र

कैबिनेट का मुख्य उद्देश्य यह है कि दिव्यांगजनों को एक ही जगह चिकित्सा, शिक्षा, परामर्श, प्रशिक्षण और सहायक उपकरण जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। फिलहाल प्रदेश के 11 मंडलों में डीडीआरसी संचालित हैं। अब बाकी मंडलों में भी नए केंद्र खोले जाएंगे और मौजूदा केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से अपडेट किया जाएगा।

प्रत्येक डीडीआरसी केंद्र में उपलब्ध कराई जाएंगी ये प्रमुख सेवाएं:

  • आधुनिक फिजियोथेरेपी
  • स्पीच थेरेपी
  • ऑक्यूपेशनल थेरेपी
  • मनोवैज्ञानिक परामर्श
  • कृत्रिम अंग और ऑर्थोटिक सहायता
  • सहायक उपकरण वितरण
  • यूडीआईडी (Unique Disability ID) कार्ड निर्माण
  • व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास

इन केंद्रों के माध्यम से दिव्यांगजन न केवल चिकित्सा और परामर्श सेवाएं पाएंगे, बल्कि रोजगार से जुड़े कौशल भी सीखेंगे, जिससे उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

योगी सरकार के समावेशी विकास विजन की बड़ी पहल

दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्रों की स्थापना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समावेशी विकास के विजन को मजबूती देती है। यह कदम न केवल दिव्यांगजनों के पुनर्वास को सशक्त बनाएगा बल्कि उत्तर प्रदेश को दिव्यांगजन कल्याण के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगा। यह पहल दिव्यांगजनों को सम्मान, सुविधा और अवसर देने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगी।