सार

फास्टैग स्कैम के मामले इन दिनों बढ़ रहे हैं। फास्टैग रिचार्जिंग में दिक्कत पर गूगल से कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर कॉल करने पर अक्सर लोग स्कैम में फंस जाते हैं। फास्टैग यूजर इन दिनों साइबर शातिरों के निशाने पर हैं। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है।

टेक न्यूज। देश में साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं। डिजिटल युग में लाख सतर्क रहने के बाद भी कई बार लोग साइबर शातिरों के जाल में फंस ही जाते हैं और कुछ जरूरी जानकारियां देते ही उनके खाते से लाखों रुपये गायब हो जाते हैं। अब फास्टैग यूजर्स भी साइबर शातिरों के निशाने पर हैं। फास्टैग रीचार्ज में परेशानी आने पर लोग गूगल पर दिए कस्टमर केयर नंबर पर फोन करते हैं और साइबर शातिरों के शिकार हो जाते हैं।

कहीं आप न हो जाएं फास्टैग स्कैम के शिकार
साइबर शातिर का जाल देश-विदेश तक फैला है। फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है इसलिए रिचार्ज कराने कई बार परेशानी भी आ जाती है। फास्टैग रिचार्ज न कराओ तो दोगुना टोल चुकाना पड़ता है। फिलहाल फास्टैग रिचार्ज के दौरान भी कई लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं। ऐसे में फास्टैग स्कैम से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है।

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मुंबई के व्यक्ति को लगा 2.4 लाख का चूना
मुंबई का एक व्यक्ति फास्टैग स्कैम शिकार हो चुका है।यूजर का फास्टैग रिचार्ज नहीं हो पा रहा था जिस कारण उसे दिक्कत हो रही थी। ऐसे में एक दिन उसने गूगल पर फास्टैग कस्टमर केयर नंबर सर्च किया। वहां दिए गए नंबर पर उसने कॉल कर समस्या बताई। कॉलर ने उनसे रिचार्ज को लेकर कुछ डीटेल पूछी और फिर जिस अकाउंट से रिचार्ज कर रहे हैं उसकी भी कुछ डिटेल ली और 10 मिनट में चेक करने की बात कही और फोन रख दिया। इसके कुछ देर बाद उनके मोबाइल पर 2.4 लाख रुपये खाते से कटने का मैसेज आया। कर्नाटक के ेक व्यक्ति के साथ भी ऐसा ही हुआ और उन्हें अकाउंट से 1 लाख रुपये कट गए।

फोन पर कभी किसी को ओटीपी न बताएं
फास्टैग रीचार्ज करने में दिक्कत होने पर यदि आप कस्टमर केयर पर कॉल करते भी हैं तो सतर्क रहें। याद रहे कि कंपनी के कस्टमर केयर से कभी भी ओटीपी शेयर करने की बात नहीं कही जाती है। यदि कोई ओटीपी मांगता है तो सावधान रहें और इसे बिल्कुल भी न दें।