सार

फिलिस्तीनी समर्थक साइबर हैकर्स इजरायल का समर्थन कर रहे देशों को अपना निशाना बना रहे हैं। पहले इन हैकर्स के टारगेट पर इजराइली हुआ करते थे लेकिन विदेशी नेताओं का इजराइल के पक्ष में आने के बाद इनके टारगेट बदल गए हैं।

Israel-Hamas war : इजराइल और हमास की जंग के बीच अब हैकर्स एक्टिव हो गए हैं। साइबर एक्टिविटीज तेज हो गई हैं। इससे भारत समेत कई देशों की परेशानी बढ़ गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, फिलिस्तीनी समर्थक साइबर हैकर्स इजरायल का समर्थन कर रहे देशों को अपना निशाना बना रहे हैं। पहले इन हैकर्स के टारगेट पर इजराइली हुआ करते थे लेकिन विदेशी नेताओं का इजराइल के पक्ष में आने के बाद इनकी तरफ साइबर हमलों की तेजी देखने को मिली है। आइए जानते हैं इसका क्या नुकसान हो सकता है...

साइबर हैकर्स के निशाने पर ये देश

साइबर सुरक्षा फर्म चेकपॉइंट के मुताबिक, इजराइल को समर्थन देने के बाद साइबर ग्रुप्स ने तेजी से अपना टारगेट बदला और भारत, अमेरिका, फ्रांस और इटली में साइबर अटैक तेज हुए। इन सभी देशों में उनके खिलाफ DDOS अटैक और कम प्रभावशील वेबसाइट डिसटॉर्शन जैसी साइबर एक्टिविटीज में काफी इजाफा हुआ है।

कौन हैं ये हैकर्स

साइबर एरर सिस्टम गुप पहले से ही एशिया खासकर भारत पर केंद्रित है। पिछले कुछ दिनों में इस ग्रुप ने 230 से ज्यादा साइबर अटैक किए हैं। इसके अलावा मिस्टीरियस टीम बांग्लादेश ग्रुप के निशाने पर भी भारत, फ्रांस और श्रीलंका जैसे देश हैं, जो साइबर हमलों को अंजाम दे रहे हैं। इजराइल को सपोर्ट करने के बाद इन देशों के खिलाफ हमले बढ़ रहे हैं।

किस तरह निशाना बना रहे हैकर्स

हैकर्स की टीम महत्वपूर्ण जानकारी चुराने के साथ हमले तेज कर रहे हैं। टीम इंसेस पाकिस्तान को भी सपोर्ट कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल वॉर के दौरान सभी हैकर्स एकजुट होकर इजराइल के खिलाफ टारगेट सेट कर रहे हैं। एक उदाहरण ही देखें तो 17 अक्टूबर को जब जर्मन चांसलर स्कोल्ज इजराइल पहुंचे तो उन्होंने कहा 'इजराइल का समर्थन करने के बाद जर्मन संस्थाओं को निशाना बनाया जा रहा है। उनके खिलाफ DDoS अटैक्स बढ़ गए हैं। साइबर अटैक में जर्मन एयरवेज, हैन एयर, सुंड एयर, लुफ्थांसा, कील बंदरगाहों और दूसरी संस्थाओं को निशाना बनाया गया है।'

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