सार

ऐपल सीईओ टिम कुक ने हर भारतीय स्टूडेंट्स को एक खास लैंग्वेज सीखने की सलाह दी है। उनका कहना है कि प्राइमरी लेवल के एजुकेशन से ही अगर बच्चों को यह लैंग्वैज सिखाई जाए तो लाइफटाइम उनके सामने अवसर की कमी नहीं होती है।

टेक डेस्क : ऐपल CEO टिम कुक (Tim Cook) भारतीय स्टूडेंट्स के टैलेंट से इंप्रेस हो गए हैं। कुछ दिनों पहले ही कुक भारत आए थे। मुंबई और दिल्ली में एपल स्टोर की ओपनिंग के बाद उन्होंने कई इंटरव्यू दिए और भारतीय टैलेंट से मुलाकात की। इसी दौरन दिल्ली में उनकी मुलाकात 5 साल के रणवीर सचदेवा से हुई, जो कोडिंग के मास्टर हैं। उनके टैलेंट से कुक काफी इंप्रेस हुए और उन्हें भारतीय स्टूडेंट्स की अपार क्षमता का वसीयतनामा बताया है। सचदेवा दिल्ली में ग्रेड 1 स्टूडेंट के तौर पर ऐपल स्विफ्ट प्रोग्रामर हैं। ऐपल के दिल्ली स्टोर की लॉन्चिंग के मौके पर कुक को अपना स्किल दिखाया।

5 साल के रणवीर को WWDC का न्यौता

रणवीर की प्रतिभा देख टिम कुक ने उन्हें जून में शुरू हो रहे वर्ल्डवाइड डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (WWDC) में आने का न्यौता दिया है। बता दें कि रणवीर इंडियन कोडर हैं। टिम कुक भी सभी भारतीयों को कोडिंग लैंग्वेज सीखने की सलाह देते हैं। रणवीर के पिता गुरजोत सचदेवा ने बताया कि उनके बेटे में मैथ्य और लॉजिक की गजब की प्रतिभा है। सिर्फ पांच साल में ही रणवीर काफी टैलेंडेट है। वह अपनी क्लास में सबसे छोटा भी है। हर भारतीय को उनके बेटे पर गर्व है।

भारतीय स्टूडेंट्स को टिम कुक का करियर टिप्स

बता दें, भारत के दौरे पर टिम कुक ने भारतीय स्टूडेंट को कोडिंग (Coding) सीखने की सलाह दी। टिम कुक ने बताया कि कोडिंग इकलौती ग्लोबल लैंग्वेज (Global Language) है , जिसका इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जाता है। लड़कियों को भी कोडिंग सीखनी चाहिए।

कोडिंग के बेनिफिट्स

  • स्कूल में कोडिंग सीखकर बड़े होने पर ग्लोबल लेवल पर प्रोडक्ट बनाने में मदद मिलती है।
  • कोडिंग से रियल लाइफ की समस्याएं आसानी से हल हो सकती हैं.
  • कोडिंग खुद को व्यक्त करने का सबसे बेस्ट तरीका हो सकता है.

कोडिंग में अपार अवसर

कुक ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोडिंग की शुरुआत प्राइमरी एजुकेशन से ही शुरू कर देनी चाहिए। हाईस्कूल से पहले हर बच्चे को प्रोग्रामिंग सीख लेनी चाहिए। इसका फायदा उन्हें बड़े होकर मिलेगा। उनकी क्रिएटिविटी दुनिया के सामने खुलकर आ जाएगी। ऐपल सीईओ ने कहा कि कोडिंग एक्सपर्ट बनने के लिए चार साल की डिग्री की जूरत नहीं है। कोडिंग से करियर में ग्रोथ होगी और नए-नए ढेर सारे अवसर मिलेंगे।

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