सार
अगर आप उठते-बैठते, खाते-पीते हर समय फोन से चिपके रहते हैं तो यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है। दिनभर स्मार्टफोन की लत दिमाग ही नहीं यौन शक्ति को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। कई रिपोर्ट्स में इसको लेकर सावधान भी किया गया है।
टेक डेस्क : स्मार्टफोन जितनी तेजी से हमारी लाइफ का हिस्सा बन रहा है, उतनी है तेजी से इसके साइड इफेक्ट्स भी सामने आ रहे हैं। सेहत को यह गंभीर रूप से नुकसान (Smartphone Side Effects) पहुंचा रहा है। अगर आप उठते-बैठते, खाते-पीते हर समय फोन से चिपके रहते हैं तो यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है। बेड पर या तकिये के नीचे फोन रखकर सोना या उसे चार्ज करना फर्टिलिटी को कम करने के साथ ब्रेन को डैमेज कर सकता है। इसलिए आज ही सावधान हो जाइए। आइए जानते हैं सेहत को किस तरह प्रभावित कर रहा है मोबाइल फोन...
ब्रेन डैमेज कर सकता है मोबाइल फोन
कुछ लोग फोन से एक पल की दूरी भी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं, इसलिए जब रात को सोने जाते हैं तो तकिये के नीचे या सिर के पास फोन चार्जिंग में लगाकर सो जाते हैं। ताकि सुबह उनका फोन उन्हें फुल चार्ज मिले। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बेहद खतरनाक हो सकता है। बिस्तर पर तकिये या पास में फोन रखकर चार्ज करने से ब्रेन डैमेज हो सकता है। बच्चों के लिए ये और भी नुकसानदायक है। स्कैल्प और स्कल ज्यादा पतले होने से मोबाइल फोन का रेडिएशन बच्चों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। इस रेडिएशन से कैंसर और ट्यूमर जैसी जानलेवा बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए फोन से ज्यादा से ज्यादा दूर रहने की सलाह दी जाती है।
फर्टिलिटी को कम कर सकता है स्मार्टफोन
दिनभर स्मार्टफोन की लत दिमाग ही नहीं यौन शक्ति तक को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। कई रिपोर्ट्स में इसको लेकर सावधान भी किया गया है। इनके मुताबिक, मोबाइल फोन से जो रेडिएशन निकलता है, वो प्रजनन को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. इसका असर शुक्राणुओं की संख्या पर पड़ सकता है, जिनके कम होने का खतरा रहता है। जब पुरुष अपनी जेब में फोन रखते हैं तो शुक्राणुओं में कमी आ सकती है और इससे पिता बनने में दिक्कतें आ सकती हैं।
शरीर से कितना दूर रखना चाहिए फोन
WHO भी फोन से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स को लेकर आगाह कर चुका है। मोबाइल फोन से निकलने वाल रेडिएशन से शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं। मोबाइल फोन को चार्जिंग पर लगाकर सोने से रेडियो फ्रिक्वेंसी लगातार निकलती रहती है। इससे मेटाबॉलिज्म प्रभावित हो सकती है। इसलिए फोन को शरीर से हमेशा दूर ही रखना चाहिए। एक स्टडी बताती है कि मोबाइल फोन शरीर से अगर 3 फीट की दूरी पर है तो इससे होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है।
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