सार

15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर आदित्य एल1 लैगरेंट पॉइंट तक पहुंचेगा। यहीं से वह सूर्य से जुड़े रहस्यों की गुत्थी सुलझाएगा। यहां तक पहुंचने के लिए उसे कुल 125 दिन तक का सफर करना होगा।

बिजनेस डेस्क : ISRO का मिशन सूर्य आदित्य एल1 करिश्मा करने को तैयार है। भारत नया इतिहास रचने जा रहा है। सूर्य के रहस्यों की जानकारी जुटाने के लिए महज 400 करोड़ की लागत से तैयार Aditya L1 उड़ान भरने वाला है। देश-दुनिया में हर किसी की निगाह इसी पर टिकी है। इसको लेकर गजब की उत्सुकता देखने को मिल रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर आदित्य एल1 को सूर्य के पास तक ले जाने के लिए स्पेसक्रॉफ्ट को कौन उड़ाएगा? यानी कैसे इसरो का आदित्य एल1 सूर्य के लैगरेंट पॉइंट तक पहुंचेगा? अगर नहीं तो चलिए जानते हैं...

बिना पायलट सूर्य तक कैसे पहुंचेगा Aditya L1

बता दें कि Chandrayaan 3 की तरह ही आदित्य एल1 को चलाने या ऑपरेट करने के लिए कोई पायलट नहीं होगा। जिस तरह इसरो ने रॉकेट की मदद से चंद्रयान 3 को चांद तक भेजा था, ठीक उसी तरह आदित्य एल1 को लेकर भी सूर्य के पास रॉकेट ही जा रहा है।

सूर्य के करीब कितने दिन में पहुंचेगा आदित्य L1

आदित्य एल1 करीब 125 दिनों तक सफर करने के बाद सूर्य के करीब लैगरेंट पॉइंट तक पहुंचेगा। जहां से वह सूर्य के बारें में कई सारी जानकारियां इकट्ठा करेगा, जो पृथ्वी से नहीं जानी जा सकती हैं।

लैगरेंट पॉइंट 1 क्या है, जहां जा रहा आदित्य एल1

जिस तरह चंद्रयान 3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर गया था, ठीक उसी तरह इसरो आदित्य एल1 को भी पृथ्वी की कक्षा से धीरे-धीरे बाहर भेज रहा है। आदित्य एल1 सबसे पहले पृथ्वी की निचली कक्षा में जाएगा, इसके बाद इसे लैगरेंट एल1 पॉइंट की तरफ रवाना कर दिया जाएगा। यह एक ऐसी जगह है जहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का असर नहीं होता है। 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर आदित्य एल1 यहां तक पहुंचेगा। यहीं से वह सूर्य की गुत्थी को सुलझाएगा।

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