सार
YouTube पर आजकल तमाम ऐसे वीडियोज मौजूद हैं, जिसमें मुस्लिम कट्टरपंथी प्रचारक, नीम-हकीम कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म करने का उपाय बता रहे हैं। वहीं, कुछ भोले-भाले युवाओं को कंटरपंथी राह पर धकेलने का काम कर रहे हैं।
टेक डेस्क : YouTube ओपन करते ही आजकल तरह-तरह के नुस्खे और धर्म की बातें करते नीम-हकीम के वीडियोज सामने आ जाते हैं। कोई बाल उगाने की दवा बता रहा है, कोई अल्जाइमर का इलाज, कोई बता रहा कैंसर को जड़ से कैसे खत्म करें? तो कई जन्नत का लालच देकर भोले-भाले युवाओं को भटकाने की कोशिश कर रहा है। इस तरह के वीडियोज का बढ़ना चिंता का विषय हैं। कई सवाल भी उठ रहे हैं कि यूट्यूब पर इन वीडियोज के बाढ़ आने के पीछे की आखिर क्या वजह है? आखिर क्यों लोगों की दिलचस्पी इसमें बढ़ रही है?
YouTube पर इस तरह के वीडियोज से सावधान
सिर्फ इलाज या नुस्खे ही नहीं मुस्लिम धार्मिक उपदेशक भी ऑनलाइन हथकंडा अपना रहे हैं। वे इस तरह का वीडियो बना रहे हैं, ताकि भोले-भाले मुसलमान जन्नत की ओर आकर्षित हों और वीडियोज में उनकी दिलचस्पी बढ़े। कुकुरमुत्ते की तरह जानकारी रखने वाले मुस्लिम प्रचारक अपना पंथ आगे बढ़ाने के लिए इस तरह के वीडियोज को अपना हथियार बना रहे हैं। यह शांतिपूर्ण इस्लाम में विश्वास रखने वाले इस्लामी विद्वानों के अपमान से कम नहीं है।
आखिर चल क्या रहा है
'आवाज द वॉयस' सोर्स के मुताबिक, ऐसे कट्टरपंथी प्रचारक अपने कट्टरपंथी विचारों से भोले-भाले लोगों को आसानी से अपनी जाल में फंसा रहे हैं। सिर्फ पढ़े-लिखे मुसलमान ही ऐसे कम जानकारी वाले मुल्लाओं की समझ पर सवाल उठा रहे हैं। यह कहीं न कहीं यह मुस्लिम कम्यूनिटी में शिक्षा की कमी है, जो ऐसे लोगों को बढ़ावा दे रही है और उन्हें कमजोर भी बना रही है।
क्या इस्लाम से डरा रहे कट्टरपंथी प्रचारक
इस तरह के कंटरपंथी प्रचारक अपनी अच्छी छवि बनाने के लिए लोगों को सच्चे इस्लाम से डरा रहे हैं और मुस्लिम समुदाय की छवि भी खराब करने का काम कर रहे हैं। आपको तमाम ऐसे वीडियो मिल जाएंगे, जिसमें वे खलीफा को फिर से स्थापित करने की जरूरत पर प्रवचन दे रहे हैं या दूसरे मुसलमान पर धर्म के खिलाफ होने का आरोप लगाकर उन्हें काफिर घोषित कर दे रहे हैं।
कंटरपंथी प्रचारक खतरनाक हैं
इस्लाम के जिन बातों का वे प्रचार करते हैं, वे ना तो धर्म की भावना है और ना ही कुरान में बताई गई बातें। ऐसे लोग हकीकत से पूरी तरह अलग बातें करते हैं। ये लोग ज्यादातर विदेशों में एक्टिव हैं। युवाओं में राजनीति की गलतफहमियों को बढ़ावा देते हैं और गलत विचारों को बढ़ावा दे रहे हैं। वे युवाओं को कट्टरपंथी धार्मिक विचारों वाला बना रहे हैं। बता दें कि ISIS में शामिल होकर कई लड़के-लड़कियां आज संकट में हैं। इस युवा मुसलमानों को यह विश्वास दिलाया गया कि उन्हें अपनी मातृभूमि छोड़कर विदेशी धरती पर जिहाद को बढ़ावा देने के लिए जाना चाहिए। ऐसे उपदेशक मुसलमानों के हितों के लिए बेहद खतरनाक हैं, खासकर भारत जैसे हर धर्म को मानने वाले देश में।
सिर्फ धर्मनिर्पेक्ष देशों में कट्टरपंथियों का जाल
वे मुस्लिम युवाओं को राजनीति से भड़काते हैं और भोले-भाले लोगों को फंसाने का हर हथकंडा अपनाते हैं। ऐसे कट्टरपंथी मुल्ला सिर्फ धर्मनिरपेक्ष देशों में ही काम करते हैं। लेकिन सऊदी अरब जैसे मुस्लिम बहुल देशों में वे ऐसा नहीं कर पाते हैं, क्योंकि वहां ऐसा करने पर उनपर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। यहां तक की जेल भी भेजा जा सकता है। पश्चिम एशिया के देशों ने भी माना है कि इस तरह की कट्टरपंथी विचारों पर लगाम लगाने की जरूरत है। क्योंकि वे पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए खतरनाक हैं।
सोर्स- आवाज द वॉयस