सार

नवंबर, 2022 में OpenAI ने ChatGPT चैटबॉट लॉन्च किया था। इसके बाद पिछले हफ्ते इसका नया लैंग्वेज मॉडल GPT 4 रिलीज किया गया है। इसको लेकर नई कंपनियां और स्टार्टअप्स काफी दिलचस्पी ले रही हैं।

टेक डेस्क : इन दिनों फ्यूचर टेक्नोलॉजी कहा जाने वाले OpenAI का नया GPT-4 मॉडल सबसे ज्यादा चर्चा में है। इसे OpenAI का अब तक का सबसे पॉवरफुल मॉडल माना जा रहा है. GPT-4 को मल्टीमॉडल कहा जा रहा है। यह टेक्स्ट के साथ इमेज इनपुट में भी किसी चीज को बता सकता है। यह 26 भाषाओं को सपोर्ट करता है और कई कठिन परीक्षाओं में जबरदस्त प्रदर्शन कर चुका है। अगर आप GPT-4 इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सब्सक्रिप्शन लेना पड़ेगा। आप फ्री में इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। सिर्फ चैटजीपीटी प्लस यूजर ही इसे यूज कर सकते हैं। यहां हम आपको कुछ ट्रिक्स बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप फ्री में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं...

फ्री में करें GPT-4 का इस्तेमाल

अगर आप GPT-4 मुफ्त में चलाना चाहते हैं तो माइक्रोसॉफ्ट बिंग चैट पर इसे फ्री में चला सकते हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट का बिंग एआई चैटबॉट पहले से ही जीपीटी-4 मॉडल को चला रहा है. इसे प्रोमेथियस नाम से जाना जाता है। टेक वेबसाइट बीबॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, बिंग एआई में कुछ एक्स्ट्रा फीचर्स हैं जो चैटजीपीटी 4 में नहीं पाए जाते हैं।

ChatGPT 4 फ्री में यूज करने के सिंपल स्टेप्स

  • Microsoft Edge यूजर्स bing.com/new पर जाएं और ऊपर की तरफ लेफ्ट साइड में Chat पर क्लिक करें.
  • अन्य ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं तो सबसे पहले इस एक्सटेंशन को इंस्टॉल करें.
  • सभी ब्राउजर के लिए बिंग चैट इंस्टॉल करें.
  • किसी भी वेब ब्राउजर पर यह बिंग एआई चैट को यूज करने की परमिशन देता है.

नया बिंग सर्च इंजन

बता दें कि नवंबर, 2022 में OpenAI ने ChatGPT चैटबॉट लॉन्च किया था। इसके बाद पिछले हफ्ते इसका नया लैंग्वेज मॉडल GPT 4 रिलीज किया गया है। इसके आने से नई कंपनियों और स्टार्टअप्स के बीच काफी इंट्रेस्ट देखने को मिल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Microsoft ने हाल ही में OpenAI में अपना निवेश 10 बिलियन डॉलर से बढ़ा दिया है। एक नए बिंग सर्च इंजन का टेस्टिंग चल रही है।

इसे भी पढ़ें

20 तरह की नौकरियां खतरें में : CHAT GPT ने खुद बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिंजेंस किन जॉब्स की जगह ले सकता है

 

CHAT GPT गूगल से भी आगे? जानें क्यों खतरनाक हो सकती हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी ऐसी तकनीक