सार

नेशनल भाषा टेक्नॉलजी मिशन के तहत इस प्रोजेक्ट से एक साथ कई लक्ष्य साध सकते हैं। इसकी मदद से ऐसा इकोसिस्टम बनाने का प्लान है, जिसके तहत सरकारी पोर्टल, MSME और स्टार्टअप अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज को भारतीय भाषा में डेवलप कर सकें।

टेक डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी तमिल संगमम के उद्घाटन मौके पर अपने भाषण के ट्रांसलेशन के लिए AI टूल भाषिनी (Digital India Bhashini real time AI) का इस्तेमाल किया। इस टूल ने पीएम मोदी के हिंदी भाषण को तमिल में कंवर्ट कर दिया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'आज यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि इससे आप तक पहुंचना काफी आसान हो जाएगा।' आइए जानते हैं आखिर क्या है भाषिनी रियल टाइम AI, इसका इस्तेमाल कैसे कहते हैं?

क्या है भाषिनी रियल टाइम AI

पिछले साल दिसंबर में चैट जीपीटी जब दुनिया में अपनी पहचान बढ़ा रहा था, तब उससे कई महीने पहले ही भारत AI से मिलता-जुलता टूल बना चुका था। जुलाई 2022 में ही पीएम मोदी ने भाषिनी टूल को लॉन्च कर दिया था। ये एक AI बेस्ड लैंग्वेज ट्रांसलेशन प्लैटफॉर्म है, जिसकी मदद से भारतीय भाषाओं को ट्रांसलेट किया जाता है। लैंग्वेज डेटासेट और एआई टेक्नोलॉजी बेस्ड इस इस ऑनलाइन टूल का मकसद भारतीय भाषाओं को नेशनल डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है।

भाषिनी एआई टूल का मकसद

नेशनल भाषा टेक्नॉलजी मिशन के तहत इस प्रोजेक्ट से एक साथ कई लक्ष्य साध सकते हैं। इसकी मदद से ऐसा इकोसिस्टम बनाने का प्लान है, जिसके तहत सरकारी पोर्टल, MSME और स्टार्टअप अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज को भारतीय भाषा में डेवलप कर सकें। इस AI प्लेटफॉर्म सरकार, इंडस्ट्री और रिसर्च ग्रुप को जोड़ने का काम करेगा। इससे अंग्रेजी न बोल पाने वाले लोग अपनी भाषा में इंटरनेट इस्तेमाल कर पाएंगे। इसकी मदद से किसी भाषा में इंटरनेट पर कंटेंट बना सकेंगे। इंटरनेट पर किसी भी जानकारी को अपनी भाषा में पा सकेंगे। लोकल भारतीय भाषा बोलने वाले भी अपनी भाषा में बात कर पाएंगे।

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