सार
साइबर क्रिमिनल्स ने ठगी के लिए नए तरीके की खोज की है। वह अब फर्जी अफसर लोगों को ऑनलाइन या डिजिटली अरेस्ट करते हैं। साथ ही शख्स से पैसे की डिमांड करते हैं, जिसके बाद डर से पीड़ित पैसे भी दे देता है।
टेक डेस्क. बीते कुछ सालों में साइबर क्राइम न सिर्फ मामले बढ़ रहे है, बल्कि इसके नए-नए तरीके सामने आए है। बीते कुछ दिनों में साइबर क्रिमिनल्स ने नए तरीके का फ्रॉड इजाद किया है। इसमें लोगों को डिजिटल अरेस्ट किया जाता है। इसमें ये ठग सामने नहीं आते, बल्कि फोन कर और ईमेल और वॉट्स के जरिए लोगों को गुमराह कर उनसे लूट करते हैं। इसका शिकार कोई भी हो सकता है। आइए जानते है कि ये डिजिटल अरेस्ट क्या होता है।
खुद को सरकारी अफसर बता करते है Digital Arrest
डिजिटल अरेस्ट में जालसाज खुद को सरकारी अफसर बताते है। इसके बाद लोगों को वीडियो कॉल में जोड़ते हैं और गुमराह कर उनसे पैसों की डिमांड करते हैं। इसमें पीड़ित शख्स को इतना डराया जाता है कि वह पैसे देने पर मजबूर हो जाता है।
ये तरीके अपनाते है फर्जी अफसर
इसमें फर्जी अफसर खास तौर से नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल होने का फर्जी आरोप लगाता है। और खुद को NCB अफसर बताते हैं। ऐसे में पीड़ित शख्स जेल जाने से बचने के लिए पैसे दे देता है।
मनी लॉन्ड्रिंग- इसमें फर्जी अफसर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा लोगों को डराया-धमकाया जाता है। इसके बाद लोगों गुमराह कर उनसे पैसे लूटे जाएंगे।
पार्सल स्कैम - इसमें स्कैमर्स खुद को कस्टम ऑफिसर बनते हैं। और शिकार को फोन कर डराते है कि आपके नाम का एक पार्सल मिला है और इसमें ड्रग्स या कोई अवैध सामान है। इसके बाद डराकर वह पैसे लुटते हैं।
वीडियो कॉल के जरिए बनाते बंधक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में साइबर अपराधी पुलिस की यूनिफॉर्म पहन लोगों को वीडियो कॉल करते हैं। और उन्हें इस हद डराया जाता है कि पीड़ित पैसे देने पर मजबूर हो जाता है।
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