न्यूमरोलॉजी (Numerology) यानी अंक शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति का जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को होता है उनका मूलांक 7 होता है। इस मूलांक का स्वामी केतु बताया गया है, जो कि एक रहस्यमयी ग्रह है।
हर कोई व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहता है। भविष्य जानने की कई विधियां भी प्राचीनकाल से प्रचलन में है। इनमें से कुछ विधियां अधिक पुरानी नहीं है, लेकिन उसके तथ्यों के सिरे से खारिज नहीं किया जाता है।
न्यूमरोलॉजी (Numerology) यानी अंक ज्योतिष के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की जन्म तारीख को जोड़कर उसका मूलांक निकाला जाता है। ये मूलांक ही उस व्यक्ति का लकी नंबर होता है और इसी के आधार पर उसके बारे में भविष्यवाणी की जाती है।
अंक ज्योतिष यानी न्यूमरोलॉजी एक आधुनिक विज्ञान है, जिससे किसी भी व्यक्ति के भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इसमें भी अंकों का संबंध ग्रहों से होता है और इसी के आधार पर भविष्य की गणना और नेचर से जुड़ी बातें तय की जाती हैं।
न्यूमरोलॉजी के माध्यम से हम किसी भी व्यक्ति के संभावित भविष्य के बारे में आसानी से जान सकते हैं। वर्तमान में अंक ज्योतिष बहुत ही प्रचलित विधा है। हालांकि ये पश्चिमी देशों से हमारे देश में आई है, लेकिन भारत में भी इसे मानने वाले काफी लोग हैं। इसका जनक कीरो को माना जाता है।
वर्तमान में भविष्य जानने की कई विधाएं प्रचलित हैं। न्यूमरोलॉजी (Numerology) भी उनमें से एक है। ये विधा पूरी तरह व्यक्ति की डेट ऑफ बर्थ पर निर्धारित होती है।
अंक ज्योतिष यानी न्यूमरोलॉजी भविष्य जानने का एक प्रचलित माध्यम है। इसमें अंक 1 से लेकर 9 तक को ग्रहों से जोड़ा गया है। उस ग्रह के अनुसार ही संबंधित अंक वाले व्यक्ति का नेचर होता है।
ब्लड डोनेशन और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने पश्चिम बंगाल के प्रसनजीत दास उर्फ जोजो ने साइकिल से उत्तर और दक्षिण भारत की 11000 किमी की यात्रा पूरी की है। इस यात्रा का विषय प्रकृति बचाओ और रक्तदान करो(Save Nature & Donate Blood) है।