याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने जांच एजेंसियों के प्रमुखों के कार्यकाल के संबंध में जो अध्यादेश लाया है, उससे जांच एजेंसियों पर कार्यपालिका के नियंत्रण की पुष्टि होती है। यह उनके स्वतंत्र कामकाज को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा।