आम चुनाव में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने संसद तक पहुंचने के लिए कोलकाता सीट जीती। विपक्ष के नेता के रूप में, डॉ. मुखर्जी ने लोगों की समस्याओं को उठाया और विपक्ष की सबसे शक्तिशाली आवाज के रूप में उभरे।