इन दिनों भगवान शिव का प्रिय सावन (Sawan 2022) मास चल रहा है। इस महीने में हर दिन भगवान शिव की पूजा का महत्व है, लेकिन इस महीने में आने वाले प्रत्येक सोमवार को शिव पूजा करने से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है, ऐसा धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
धर्म ग्रंथों में सावन (Sawan 2022) मास का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की पूजा से हर तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है। यही कारण है इस महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
सावन भगवान शिव का प्रिय मास है। ये हिंदू पंचांग का पांचवां महीना है। इस बार सावन मास 14 जुलाई, गुरुवार से शुरू हो चुका है जो 11 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में भक्त अपने-अपने तरीकों से शिवजी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
भगवान शिव के अनेक नाम है, उनमें से एक नाम महेश भी प्रसिद्ध है। भगवान शिव के इसी नाम से माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति मानी जाती है। हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माहेश्वरी समाज द्वारा विशेष रूप से महेश नवमी (Mahesh Navami 2022) का त्योहार भी मनाया जाता है।
17 जनवरी, सोमवार को पौष मास की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। इसे शाकंभरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन माघ मास के स्नान शुरू हो जाएगा। सोमवार और पूर्णिमा के योग में शिव पूजा और चंद्र पूजा जरूर करें।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, सावन में भगवान शिव की सच्चे मन से अराधना करने वालों को कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भगवान शंकर की कृपा से भक्तों के मन की मुरादें भी पूरी होती हैं।
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अचला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 18 मई, सोमवार को है। एकादशी पर विष्णुजी के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं और सोमवार के स्वामी शिवजी हैं और इस दिन का कारक ग्रह चंद्र है।
इस बार 21 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र होने से सोम पुष्य का शुभ योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये नक्षत्र शुभ फल देने वाला माना गया है।