ईशा फाउंडेशन के फाउंडर सद्गुरु जग्गी वासुदे मस्तिष्क की सर्जरी के बाद दोबारा अपने काम पर लौट आए हैं। फिलहाल वह अपने दस दिवसीय दौरे पर इंडोनेशिया की यात्रा पर हैं।
लोक सभा चुनाव 2024 से पहले रैलियों में राजनीतिक पार्टियों की ओर से महिलाओं को लेकर की जा रही आपत्तिजनक टिप्पणियों पर सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने आपत्ति जताई है। उनका इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सद्गुरु के साथ बातचीत में देश की सांस्कृतिक विरासत, महत्वपूर्ण मंदिरों को फिर से स्थापित करने को लेकर दोनों ने काफी सार्थक और सारगर्भित बातचीत की है।
सद्गुरु ने दो साल पहले 21 मार्च 2022 को लंदन से सेव सॉइल अभियान को शुरू किया था। दो साल में अभियान ने दुनिया को चौका दिया।
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि 15 मार्च को सद्गुरु ने वरिष्ठ सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉ विनीत सूरी से लगभग 3:45 बजे बेहद गंभीर सिरदर्द को लेकर सलाह ली।
आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव को मस्तिष्क में सूजन और ब्लीडिंग होने पर अपोली अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां आज उनके ब्रेन की सर्जरी हुई है।
सद्गुरु के स्नेह भरी बातें सुनकर कैसमै को बहुत अच्छा लगा। उन्होंने सद्गुरु की पोस्ट को अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत में इतने सारे विशेष क्षणों ने मुझे निःशब्द कर दिया है।
ईशा फाउंडेशन ने भारतीय सेना के 11 हजार जवानों को हठ योग की ट्रेनिंग दी है। इसके लिए ईशा फाउंडेशन को दक्षिणी कमान का सहयोग मिला।
सद्गुरु ने कहा कि राम मंदिर का बनना क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय भावना का पुनरुत्थान है। पूरा देश एकजुट होकर अयोध्या में राम मंदिर का स्वागत कर रहा है।
सद्गुरु ने कहा किा देश में राम का अनुष्ठान हो रहा है। समाज के हर वर्ग को इसमें शामिल होना चाहिए। यही रामराज्य है।