सार
श्रीलंका (Srilanka Crisis) पिछले कुछ समय से गंभीर आर्थिक संकट (Srilanka Economic Crisis) के दौर से गुजर रहा है। यहां का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) लगभग खत्म हो चुका है। जरूरी चीजों के दाम आसमान (Inflation Rate in Srilanka) छू रहे हैं।
नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका (Srilamka) की हालत इन दिनों खराब है। यह देश बीते कुछ हफ्तों से गंभीर आर्थिक संकट (Srilanka Economic Crisis) के दौर से गुजर रहा है। खबर आ रही है कि श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) लगभग खत्म हो चुका है और इसी के साथ कर्ज के बोझ से तले इस देश के दिवालिया (Srilanka Crisis) घोषित होने का खतरा भी पैदा हो गया है।
श्रीलंका की करेंसी (Srilankan Rupees) डॉलर की तुलना में करीब आधी रह गई है। जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। ब्रेड, दूध, अंडा, चावल, डीजल और पेट्रोल, मिर्च जैसे तमाम चीजों के दाम कई गुना बढ़ गए हैं। ईंधन की किल्लत की वजह से बसें बंद कर दी गई हैं। गैस नहीं मिल रही, इसलिए लोग खाना भी नहीं बना पा रहे।
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श्रीलंका में महंगाई की दर 17 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है। आइए जानते हैं, 09 ऐसे सामानों के रेट, जो आसमान छू रहे हैं...
नंबर | सामान | रेट |
1 | चीनी | 290 रु./ किलो |
2 | मिर्च | 710 रु./किलो |
3 | चावल | 500 रु./किलो |
4 | आलू | 200 रु./किलो |
5 | दूध पाउडर (400 ग्राम) | 790 रु. |
6 | उबला अंडा | 515 रु. |
7 | दूध | 263 रु./लीटर |
8 | पेट्रोल | 254 रु./लीटर |
9 | एक कप चाय | 100 रु. |
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1949 के बाद सबसे बुरे हालात
श्रीलंका में ईंधन की कमी की वजह से ज्यादातर बसें बंद कर दी गई हैं। लगभग ढाई करोड़ लोगों के घर में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। कारखाने और पॉवर प्लान्ट बंद हो चुके हैं। यहां लोगों का कहना है कि देश में 1948 के बाद से यानी 74 साल के बाद सबसे बुरे हालात हैं। श्रीलंका की जनता इसके लिए यहां की सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है।
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कर्ज चुकाने के लिए साढ़े सात अरब डॉलर की जरूरत
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि श्रीलंका के पास देश चलाने के लिए पैसे भी नहीं हैं। कोरोना महामारी, ईंधन की कमी और आसमान छूती महंगाई की वजह से देश संकट से जूझ रहा है। सरकारी खजाना खाली हो चुका है। श्रीलंका को आने वाले कुछ महीनों में घरेलू और विदेशी कर्ज चुकाने के लिए लगभग साढ़े सात अरब डॉलर की जरूरत है।
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