सार

बेंगलुरु के फीनिक्स मार्केटसिटी मॉल में VIP बाथरूम तैयार किया गया है। इसका इस्तेमाल करने के लिए शर्त है कि आपके पास कम से कम 1000 रुपए की खरीददारी का बिल होना चाहिए।

बेंगलुरु। बेंगलुरु के प्रसिद्ध फीनिक्स मार्केटसिटी मॉल (Phoenix Marketcity Mall) अपने बाथरूम पॉलिसी के चलते चर्चा में है। इस मॉल में "VIP" बाथरूम तैयार किया गया है। इसके बाहर लड़की को तैनात किया गया है। अंदर जाने वालों से वह मॉल में खरीददारी का बिल मांगती है। जब लोगों को पता चलता है कि इस खास बाथरूम में तभी जा सकते हैं जब जेब में 1000 रुपए या इससे अधिक की खरीददारी का बिल हो। यह शर्त सुनकर बहुत से लोग हैरत में पड़ जा रहे हैं।

बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड स्थित फीनिक्स मार्केटसिटी मॉल को अपनी इस "वीआईपी" टॉयलेट के लिए सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। Reddit पर DeskKey9633 नाम के यूजर ने बताया कि कैसे उन्हें 1,000 रुपए के शॉपिंग बिल नहीं होने के चलते ग्राउंड-फ्लोर के टॉयलेट में जाने से रोका गया।

टॉयलेट जाने से पहले दिखाना होगा 1000 रुपए का बिल
यूजर ने लिखा, "इस सप्ताहांत मैं चर्च स्ट्रीट से खास तौर पर खरीदारी करने फीनिक्स व्हाइटफील्ड गया था। यह मेरे घर से काफी दूर है। मुझे खरीदारी शुरू करने से पहले टॉयलेट जाना था। यहां के ग्राउंड फ्लोर के शौचालय को अब "वीआईपी" घोषित कर दिया गया है। इसके बाहर एक महिला सुरक्षा अधिकारी तैनात थी। उसने जोर देकर कहा कि शौचालय का उपयोग करने के लिए शॉपिंग बिल दिखाऊं। जब मुझे पता चला कि इस टॉयलेट का इस्तमाल तभी कर सकते हैं जब कम से कम 1000 रुपए का बिल हो। यह जानकर मैं हैरान हो गया। शौचालय का इस्तेमाल करने के लिए बिल क्यों चाहिए?

मॉल के दूसरे शौचालयों की स्थिति है खराब
यूजर ने आगे बताया कि बिल नहीं होने के चलते उसे दूसरे फ्लोर पर स्थित शौचालयों में भेजा गया। उनकी हालत "बहुत खराब" थी। रखरखाव ठीक से नहीं किया गया था। कई फ्लश काम नहीं कर रहे थे।

यूजर ने कहा कि मैंने बेंगलुरु या किसी अन्य शहर के दूसरे मॉल में ऐसी नीति कभी नहीं देखी। अगर यह नया चलन है तो बहुत परेशान करने वाला है। यह सामाजिक विभाजन में योगदान देता है। रेडिटर ने कुछ घंटे पहले ही यह पोस्ट शेयर की है। तब से, इस पर कई कमेंट आ चुके हैं।

एक यूजर ने कहा- पैसे मांगती है महिला सुरक्षा गार्ड

एक यूजर ने कमेंट किया, "यह बिलकुल सच है। एक महिला सुरक्षा गार्ड है जो लोगों को अंदर जाने से रोकती है और पैसे मांगती है। किसी तरह का पास बनवाती है। क्या यह कोई गोल्डन टॉयलेट है या कुछ और? इसे हम जैसे आम गरीब लोगों से छुपाने के लिए।"

एक अन्य यूजर ने कमेंट किया , "पहले शौचालय जाने के लिए 20 रुपए अनिवार्य स्वैच्छिक दान लिया जा रहा था। मुझे लगता है कि उन्होंने इसे हटा दिया है।"

एक तीसरे यूजर ने कमेंट किया, “हां, यह सच है। मैंने पहली बार यह सोचकर पैसे दिए कि मॉल में कोई और शौचालय नहीं है। वे आपको यह कहकर दोषी महसूस कराते हैं कि यह तो बस दान है इसलिए पैसे क्यों नहीं देंगे? मैं वास्तव में उनके अनिवार्य स्वैच्छिक दान के कॉन्सेप्ट को समझ नहीं पाया। अगर वे लोगों को लूट रहे हैं तो इसे स्वीकार करना चाहिए।”