बेंगलुरु में एक हाउसिंग सोसाइटी ने एक बैचलर पर लड़कियों को रात में ठहराने के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया। यह भेदभावपूर्ण नियम सिर्फ अविवाहितों पर लागू होता है, परिवारों पर नहीं। युवक ने इस मामले में कानूनी सलाह मांगी है।
बेंगलुरु में रहने वाले एक युवक ने शिकायत की है कि उसकी हाउसिंग सोसाइटी ने उसके फ्लैट में लड़कियों के रुकने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। बेंगलुरु में रहने वाले एक रेडिट यूजर ने लिखा है कि उसकी रेजिडेंशियल सोसाइटी ने उस पर और उसके फ्लैटमेट पर "लड़कियों के रात में रुकने" के कारण 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। उसने सोसाइटी की तरफ से भेजे गए इनवॉइस का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए रेडिट पर यह बात लिखी। उसने यह भी पूछा कि क्या सोसाइटी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
बैचलर होने पर जुर्माना
उसने आरोप लगाया कि उसकी हाउसिंग सोसाइटी ने एक नियम बनाया है, जिसके तहत बैचलर अपने घर पर रात में मेहमानों को नहीं ठहरा सकते। वहीं, उसने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि परिवारों पर ऐसा कोई नियम नहीं है और वे जितने चाहें मेहमान ठहरा सकते हैं। 1 नवंबर को जारी किए गए इनवॉइस में, सोसाइटी ने युवक और उसके फ्लैटमेट पर लड़कियों को रात भर अपने फ्लैट में रखने के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
उन्होंने नोट में लड़कियों के रुकने की तारीख और संख्या का भी खास तौर पर जिक्र किया। इनवॉइस में साफ लिखा है कि 31 अक्टूबर की रात दो लड़कियां पूरी रात वहां रुकी थीं। युवक ने लिखा कि वे लड़कियों के घर पर रुकने को ऐसे देख रहे हैं जैसे यह कोई कानून का उल्लंघन हो, और उसे कोई चेतावनी भी नहीं दी गई। उसने पोस्ट में पूछा कि क्या वह इस मामले में कुछ कर सकता है ताकि हाउसिंग सोसाइटी इस घटिया व्यवहार पर दोबारा सोचे।
कानूनी तौर पर सही नहीं, फिर भी...
एक यूजर ने जवाब में लिखा कि ऐसे नियमों की कोई कानूनी वैधता नहीं है और ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सोसाइटी खुद को एक ओयो होटल समझ रही है। कुछ लोगों ने लिखा कि सोसाइटी ऐसा नियम नहीं थोप सकती, लेकिन कानूनी रूप से इसका सामना करने में समय और पैसा दोनों बर्बाद होगा। कुछ अन्य लोगों ने उसे घर बदलने और कोई बेहतर जगह चुनने की सलाह दी। वहीं, कुछ लोगों ने सोसाइटी का नाम उजागर करने की भी मांग की, ताकि उसे समाज में अलग-थलग किया जा सके और दूसरे अविवाहित लोगों को वहां रहने से पहले चेतावनी मिल सके।
