कैंसर पीड़ित शख्स, 21 साल कंपनी में नौकरी के बाद बीमारी पर निकाल दिया गया। कॉमरज़ोन गेट पर भूख हड़ताल कर न्याय मांग रहा है। लिंक्डइन पर पोस्ट वायरल, नेटिजन्स ने स्वास्थ्य पर फोकस करने की सलाह दी। कॉर्पोरेट वफादारी पर बहस।
Cancer Patient Fired Protest Hunger Strike: कार्पोरेट कल्चर में इमोशन के अब कोई मायने नहीं रह गए हैं। हर कंपनी केवल अपना हित और फायदे के लिए ही काम कर रही है। वर्कर जब तक पूरी एनर्जी से काम कर सकता है, केवल तब तक ही उसकी जगह है। यदि उसकी स्किल में या स्वास्थ्य में थोड़ी भी मुश्किल आती है तो कंपनियां मुंह मोड़ लेती हैं। कुछ ऐसी ही व्यथा एक लिंकडाइन यूजर ने शेयर की है। वो अब कैंसर से पीड़ित है, बीते 21 साल से एक ही कंपनी में काम कर रही थीं, लेकिन असाध्य रोग के बारे में पता चलते ही कंपनी ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब ये कर्मचारी अपने सम्मान की लड़ाई लड़ रहा है।
कैंसर पीड़ित एंप्लाई ने दिया कंपनी के गेट पर धरना
कैंसर पीड़ित शख्स ने कंपनी के इस रुख का विरोध किया है। उसने गेट पर धरना दे दिया है, उसने अपने बैनर पर लिख रहा है, सुबह 8 बजे से, मैं कॉमरज़ोन के मुख्य द्वार के बाहर शांतिपूर्ण भूख हड़ताल पर खड़ी हूं। सिर्फ़ न्याय और उचित व्यवहार के अधिकार की मांग कर रहा हूं। मैंने अधिकारियों को सूचित कर दिया है और चिकित्सा पर्यवेक्षण की व्यवस्था कर दी है। मैं किसी को रोक नहीं रहा हूं। मैं बस सच्चाई के लिए खडा हूं। मानवता और निष्पक्षता में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए, आपका समर्थन मायने रखता है।
एक यूजर ने पोस्ट पर कमेंट किया
न्याय सड़क पर नहीं उतरता, अदालतें आपकी बात सुनती हैं। कानूनी सलाह लें। कॉर्पोरेट जगत में वफ़ादारी का कोई क़ानून नहीं होता। हर कोई रतन टाटा नहीं होता। आप अपने परिवार के लिए महत्वपूर्ण हैं। कंपनी के लिए आपकी जगह कोई ले सकता है। अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। जान हैं तो जहान हैं। बचेंगे तो और भी लड़ेंगे। शुभकामनाएं !


