सार
सुकमावती के वकील विटारियोनो रेजसोप्रोजो ने बताया कि इसका कारण उनकी दादी का धर्म है। विटारियोनो ने यह भी कहा कि सुकमावती ने इसे लेकर काफी स्टडी की है और हिंदू धर्मशास्त्र को अच्छी तरह से पढ़ा है।
जकार्ता. इंडोनेशिया (Indonesia) में पहले राष्ट्रपति की बेटी दीया मुटियारा सुकमावती (Diah Mutiara Sukmawati Soekarnoputri) ने इस्लाम से हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया है। उन्हें सुकमावती सोकर्णोपुत्री के नाम से भी जाना जाता है। मुटियारा सुकमावती इंडोनेशिया के फाउंडिंग प्रेसिडेंट (Indonesia Founding President Soekarno) सुकर्णो और उनकी पत्नी फातमावती की तीसरी बेटी हैं। इतना ही नहीं, वे इंडोनेशिया की पांचवीं राष्ट्रपति मेगावती सोकर्णोपुत्री की बहन हैं।
दादी से प्रभावित होकर लिया फैसला
इंडोनेशियन नेशनल पार्टी (Indonesian National Party)(पार्टाई नेशनल इंडोनेशिया-पीएनआई) की संस्थापक ने हिंदू धर्म को अपनाने का फैसला अपनी स्वर्गीय बालिनी दादी इडा आयु न्योमन राय श्रीम्बेन (1881-1958) से प्रभावित होकर लिया। सुकमावती के हिंदू धर्म अपनाने को लेकर मंगलवार 26 अक्टूबर को बाली अगुंग सिंगराजा में सुधी वदानी नाम का कार्यक्रम होगा। जहां वे हिंदू धर्म अपनाएंगी। धर्मांतरण समारोह की तारीख पर सुकमावती का 70 वां जन्मदिन भी है।
सुकमावती के वकील विटारियोनो रेजसोप्रोजो ने बताया कि इसका कारण उनकी दादी का धर्म है। विटारियोनो ने यह भी कहा कि सुकमावती ने इसे लेकर काफी स्टडी की है और हिंदू धर्मशास्त्र को अच्छी तरह से पढ़ा है। जब वकील से ये सवाल किया गया कि क्या धर्म बदलने के बाद क्या वे बाली में स्थायी रूप से रहेंगी, तब उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। बाली की पिछली यात्राओं के दौरान सुकमावती अक्सर हिंदू धार्मिक समारोहों में शामिल होती थीं और हिंदू धार्मिक हस्तियों के साथ बातचीत करती थीं।
भाई-बहनों और बच्चों ने जताई सहमति
OKzone.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुकामावती की हिंदू धर्म में परिवर्तित होने की योजना को उनके भाइयों और बहन का समर्थन मिला है। यहां तक कि उनके बच्चों ने भी इसपर सहमति दी है। शादी के दस साल बाद 1984 में राजकुमार और सुकमावती का तलाक हो गया।
Diah Mutiara Sukmawati की तस्वीर
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