पुणे के पिंपल निलख में विदेशियों ने ट्रैफिक संभाल लिया। वे टू-व्हीलर सवारों को ट्रैफिक रूल्स समझाते दिखे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। यूजर्स नेे लों में सिविक एजुकेशन की मांग की है।
विदेशी भारत घूमने आते हैं, लेकिन वो यदि ट्रैफिक संभालने लग जाएं तो क्या होगा। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें कथित तौर पर दो विदेशी पुणे में स्थानीय लोगों से ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील करते दिख रहे हैं। वे रांग साइड पर टू-व्हीलर चला रहे लोगों को रोकते और उन्हें सही जगह तरीके से चलने का पाठ पढ़ते दिखा रहे हैं। पुणे मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना महाराष्ट्र के पुणे के पिंपल निलख इलाके में रक्षक चौक पर हुई। इन लोगों ने ज़िम्मेदार ड्राइविंग और सड़क सुरक्षा की ओर भी लोगों का ध्यान खींचा।
वीडियो में क्या दिखाया गया है?
एक क्लिप में वीडियो में एक विदेशी एक टू व्हीलर का रास्ता रोकते हुए, ड्राइवरों से सही तरीके से गाड़ी चलाने की रिक्वेस्ट करते हैं। वे उन्हें रांग साइड में जाने से रोकते हुए दिख रहा है। वह लगातार लोगों को ट्रैफिक सेंस के बारे में बता रहे हैं। जिस तरह से वे यातायात को कंट्रोल कर रहे हैं, वो काबिले तारीफ है। लोगों ने उनकी बातें बिना बहस के मान लीं, आमतौर पर सड़क पर नियम कायदे का पालन करने वालों से ही लोग उलझ जाते हैं। लेकिन यहां बिना किसी लाग लपेट के राहगीरों ने उनकी बात को मान लिया।
सोशल मीडिया रिएक्शन:
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर अलग-अलग तरह के रिएक्शन आए हैं। लोगों ने सुझाव दिया है कि ऐसी नौबत नहीं आनी चाहिए, दरअसल यदि बच्चों को स्कूल से ही ट्रैफिक रूल्स औऱ सिविक सेंस पढ़ाया जाए तो बाद में सड़कों पर चलते समय वे खुद इन छोटी-छोटी लेकिन अहम बातों का ध्यान रखेंगे।
यह वीडियो, कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है, लोगों ने सोशल मीडिया पर कई तरह के कमेंट किए हैं। एक व्यक्ति ने कमेंट किया, "लोग इतने बेशर्म हैं कि उन्हें इस बात का कोई एहसास नहीं होता। वे यही रवैया दूसरे देशों में भी ले जाते हैं।"
एक और ने कहा, “यह शर्म की बात है कि हमें ट्रैफिक सेंस सिखाने के लिए विदेशियों की ज़रूरत पड़ती है। हमें अपने प्राइमरी एजुकेशन सिलेबस को बदलने और उसमें Civics और शिष्टाचार को जोड़ने की ज़रूरत है।” तीसरे ने कहा, “भारत में फुटपाथ पैदल चलने वालों को छोड़कर बाकी सब चीज़ों के लिए बने हैं। साइकिल चलाने वाले, दोपहिया वाहन, कार पार्किंग, चाय के स्टॉल, सरकारी होर्डिंग, कियोस्क, फल बेचने वाले, नाई, प्रदर्शनकारी, पूजा करने वाले, घूमने-फिरने वाले, और भी बहुत कुछ।”
एक व्यक्ति ने लिखा, “वाह! विदेशियों को हमारे राइडर्स को यह सिखाने के लिए आगे आना पड़ा कि फुटपाथ चलने के लिए होते हैं, बाइक चलाने के लिए नहीं। पिंपरी-चिंचवड़ में, यह बेहतर Civic spirit और ट्रैफिक नियमों का पालन करने की ज़रूरत को दिखाता है। सड़क सुरक्षा की परवाह करने के लिए उन्होंने बहुत अच्छा काम किया ! हम भारतीयों को भी सीखना चाहिए और हर दिन ऐसा ही करना चाहिए।”
(नोट: यह रिपोर्ट सोशल मीडिया से यूज़र द्वारा बनाए गए कंटेंट पर आधारित है। एशियानेट ने दावों को स्वतंत्र रूप से वेरिफाई नहीं किया है और उनका सपोर्ट नहीं करता है।)


