Houseboat Living in India: बेंगलुरु (Bengaluru), चेन्नई (Chennai) और हैदराबाद (Hyderabad) में महंगे घरों से परेशान एक शख्स ने Reddit पर पूछा कि क्या वो हाउसबोट (Houseboat) में रह सकता है। जानिए पूरा मामला।

Houseboat Living in India: भारत के बड़े शहरों में आसमान छूती प्रॉपर्टी की कीमतों (Property Prices) ने मिडल क्लास की नींद उड़ा दी है। डेली खर्च को मैनेज करने में ही परेशान आम आदमी के लिए अपना घर किसी सपने से कम नहीं है। इसी बीच एक सवाल ने सोशल मीडिया को हैरान कर दिया। बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे मेट्रो शहरों में घर खरीदने में असमर्थ एक शख्स ने Reddit के r/indiarealestate सबरेडिट पर पूछा कि क्या मैं हाउसबोट (Houseboat) में रह सकता हूं? यह सवाल अब इंटरनेट पर बहस का मुद्दा बन चुका है।

पहले जानिए हाउसबोट को लेकर सवाल क्या पूछा?

एक शख्स ने लिखा: मैं भारत के किसी भी शहर में फ्लैट नहीं खरीद सकता। मेरी उम्र भी इतनी हो चुकी है कि अब ईएमआई (EMI) चुकाने के लिए कमाई करने लायक समय नहीं बचा है। क्या मैं एक छोटी नाव खरीदकर उस पर किचन, बाथरूम और दो कमरे बनवा सकता हूं? सभी शहरों में झीलें (Lakes) हैं, क्या मैं वहां नाव खड़ी करके रह सकता हूं?

फ्लोटिंग ड्रीम या लॉ ऑफ रियलिटी?

शख्स ने यह भी जोड़ा कि हाउसबोट की कीमत 15 से 30 लाख के बीच आती है। ऊपर से अगर बाढ़ (Flood) आएगी, तब भी मैं तैरता रहूंगा। इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर बड़ा बवाल खड़ा कर दिया।

सोशल मीडिया पर यूजर्स ने दी मिली-जुली प्रतिक्रिया

शख्स का पोस्ट वायरल होते ही यूजर्स ने इस पर जमकर बहस शुरू कर दी। कुछ ने इसे क्रांतिकारी आइडिया बताया तो कईयों ने इसकी व्यवहारिकता पर सवाल उठाए।

  • एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा कि बिल्डर लॉबी तो खुश हो जाएगी, वैसे भी शहरों में झीलें भरकर अपार्टमेंट बना दिए गए हैं, अब नाव कहां डालोगे?
  • दूसरे यूजर ने सलाह दी कि क्यों न शहर के बाहरी इलाके में सस्ता प्लॉट लेकर घर बना लो? नाव जितना रोमांच नहीं मिलेगा लेकिन ये ज्यादा प्रैक्टिकल रहेगा।
  • तीसरे ने चेताया कि ये कानूनी तौर पर पब्लिक प्रॉपर्टी पर जबरन कब्जा माना जाएगा और इसके लिए 60 लाख तक टैक्स/पेनल्टी भरनी पड़ सकती है।
  • चौथे यूजर ने लिखा: शहर की किसी भी झील में नाव खड़ी करना आसान नहीं। ये सार्वजनिक संपत्ति है और निजी इस्तेमाल के लिए नियमों का उल्लंघन होगा। इसके लिए आपको लगातार घूस देनी पड़ेगी जो बेहद महंगी साबित होगी।

क्या है कानूनी पेंच?

वास्तव में भारत में झीलें और नदियां सार्वजनिक संपत्ति (Public Property) होती हैं। ऐसे में उन पर निजी मकसद से हाउसबोट पार्क कर रहना कानूनी नहीं है। इसके लिए स्थानीय प्राधिकरण से अनुमति लेनी होती है और ज्यादातर मामलों में ये संभव नहीं होता। केरल (Kerala) जैसे राज्यों में पर्यटन के लिए हाउसबोट की इजाजत मिलती है लेकिन वो भी निर्धारित क्षेत्रों में, व्यक्तिगत आवास के लिए नहीं।