सार
जब कोई वस्तु दो बड़ी वस्तुओं के बीच आ जाती है, इस दौरान उसकी छाया किसी ग्रह पर पड़ने की वजह से वह सूर्य के प्रकाश को ढक लेती है। सूर्य ग्रहण के संदर्भ में, यह खगोलीय घटना तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है। इस दौरान जितने समय चंद्रामा, सूर्य के सामने रहता है, उसका प्रकाश पृथ्वी पर नहीं आ पाता है। यही सूर्यग्रहण कहलाता है।
ट्रेंडिंग डेस्क। साल 2022 का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को देखा गया था । ये इस साल का पहला मौका था जब सूर्य अपनी धुरी पर वहीं चंद्रमा और पृथ्वी घूमते हुए एक लाइन में आ गए थे। हालांकि तीनों पूरी तरह से एक सीधी रेखा में नहीं आए थे। ये आंशिक सूर्य ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों में देखा गया है। इसके पिक्स अब वायरल हो रहे हैं, जिसमें नजर आ रहा है मानो किसी ने सूर्य को काट लिया हो।
पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है चंद्रमा
जनश्रुतियों से इतर ग्रहण एक ऐसी घटना है जब कोई वस्तु दो बड़ी वस्तुओं के बीच आ जाती है, इस दौरान उसकी छाया किसी ग्रह पर पड़ने की वजह से वह सूर्य के प्रकाश को ढक लेती है। सूर्य ग्रहण के संदर्भ में, यह खगोलीय घटना तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है। इस दौरान जितने समय चंद्रामा, सूर्य के सामने रहता है, उसका प्रकाश पृथ्वी पर नहीं आ पाता है। यही सूर्यग्रहण कहलाता है।
पृथ्वी पर पड़ी विशाल छाया
30 अप्रैल की घटना ने चंद्रमा को पृथ्वी की ओर सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध करते हुए देखा है, ग्रहण के दौरान चंद्रमा की विशाल छाया पृथ्वी पर के कई हिस्सों पर पड़ी। ये आकाशीय घटनाचिली, अर्जेंटीना, उरुग्वे, पश्चिमी पराग्वे, दक्षिण-पश्चिमी बोलीविया, दक्षिणपूर्वी पेरू और दक्षिण-पश्चिमी ब्राजील के एक छोटे से क्षेत्र (Chile, Argentina, Uruguay, western Paraguay, southwestern Bolivia, southeastern Peru, and southwestern Brazil ) के आसमान में दिखाई दे रही थी। हालांकि ये सूर्ग्रग्रहण भारत में नहीं देखा गया है।
वहीं इस सूर्यग्रहणकी कुछ तस्वीरें NOAA के GOES-16 उपग्रह पर सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजर द्वारा कैप्चर की गई हैं। इस घटना की एक झलक आप भी देख सकते हैं, जिसमें चंद्रमा की डिस्क की एक झलक सूर्य के सामने से गुजरते हुए कैप्चर की है। एजेंसी ने एक ट्वीट में कहा, "यह आंशिक सौर ग्रहण केवल दक्षिणी गोलार्ध में दिखाई दे रहा था।"
नोआ उपग्रह द्वारा देखा गया आंशिक सूर्य ग्रहण
राष्ट्रीय सौर वेधशाला ( National Solar Observatory) के रूप में इस घटना को कैप्चर करने में सोलर अल्ट्रावाइलेट इमेजर ( Solar Ultraviolet Imager) अकेला नहीं था, चिली में सेरो टोलोलो साइट से भी बहुत स्पष्टता से ये ग्रहण देखा गया है।
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