22 वर्षीय खुशी श्रीवास्तव कानपुर से लखनऊ तक रोजाना 200 किलोमीटर का सफ़र तय करती हैं। वे एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती हैं, दरअसल वे मां को अकेला नहीं छोड़ सकती हैं। 

Super Commuter Expert Daily 200 KM Train Journey: 22 वर्षीय ख़ुशी श्रीवास्तव ने कानपुर से लखनऊ तक अपनी मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी के लिए होने वाले थका देने वाले सफ़र के अपने अनुभव शेयर किया है। एक 'सुपर कम्यूटर' टेक्नीक एक्सपर्ट ने डेली ऑफिस जाने के अपने लंबे सफ़र और कंटेंट क्रिएशन के अपने जुनून के साथ इसे कैसे संभाला, इस बारे में खुलकर बात की है।

मल्टी नेशनल कंपनी के जॉब ने खुशी को कर दिया परेशान

ख़ुशी श्रीवास्तव लखनऊ स्थित एक टॉप मल्टीनेशनल कंपनी के कार्यालय में काम करती हैं। हालांकि, लगभग 5 महीनों तक, उन्हें लखनऊ पहुंचने के लिए अपने गृहनगर कानपुर से ट्रेन लेनी पड़ती थी - और फिर वह अपने ऑफिस पहुंचने के लिए ऑटोरिक्शा में सवार होती थीं। यहां वे लगभग 98-100 किलोमीटर की थी। हफ़्ते में 5 दिन ऑफ़िस से काम करने के लिए, इस तकनीकी विशेषज्ञ को रोज़ाना 200 किलोमीटर का सफ़र तय करती थी, कानपुर से लखनऊ और फिर वापस घर। ख़ुशी श्रीवास्तव ने अपने रोज़ाना के कठिन सफ़र को एक इंस्टाग्राम रील में दर्ज किया है जो प्लेटफ़ॉर्म पर वायरल हो रहा है।

केरल का जॉब छोड़कर, यूपी की तरफ किया रुख

22 वर्षीय खुशी श्रीवास्तव के मुताबिक कॉलेज से कंप्यूटर एप्लीकेशन में ग्रेजुएट करने के तुरंत बाद उन्हें एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई। 2024 में उन्होंने चेन्नई में ट्रेनिंग ली और फिर केरल में काम करने लगी। हालांकि वे केरल में काम नहीं कर सकती थी, उन्हें अपने परिवार की जरुरतों के लिए आसपास ही रहना था। उन्होंने बताया कि मैं अकेली कमाने वाली हूं, और मेरी मां कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थीं।" इसके बाद उन्होंने यूपी की तरफ रुख किया। हालांकि अभी भी उन्हें हर दिन 200 किलोमीटर की यात्रा अपने जॉब के लिए करना पड़ता है। इसमें करीब 4 घंटे हर दिन बर्बाद होते हैं।

करीब 6 महीने तक ये स्ट्रगल करने के बाद अब खुशी ने लखनऊ में एक सिंपल घर तलाश लिया है। वे 2 बीएचके घर में मां के साथ रह सकती हैं। इसके बाद उनकी लाइफ में सुकून है।

खुशी श्रीवास्तव ने बयां किया अपना दर्द -

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