सार
अमेरिका के शिकागो शहर में एक ऐसा शख्स है, जिसका जबड़ा ही नहीं है। यह शख्स बिना जबड़े के न तो बोल पाता है और ना ही खाना खा पाता है। बता दें कि 41 साल के हो चुके इस शख्स को अब तक ये भी नहीं मालूम कि खाने का स्वाद कैसा होता है।
शिकागो। अगर किसी शख्स का जबड़ा न हो, तो सोचिए कि वो आदमी कैसे बोल पाएगा, कैसे खाना खा पाएगा। कौन उससे शादी करेगा? इस तरह के तमाम सवाल हैं, जो जेहन में उठना स्वाभाविक हैं। हालांकि, अमेरिका के शिकागो शहर के रहने वाले जोसेफ विलियम्स ऐसे ही शख्स हैं, जो जन्मजात बिना जबड़े के पैदा हुए हैं। 41 साल के जोसेफ विलियम्स पैदा होते ही इस तरह के ओरल फेशियल डिजिटल सिंड्रोम से ग्रसित हैं। कई महीनों तक उनका इलाज शिकागो में चला और सर्जरी भी हुई लेकिन वो ठीक नहीं हो पाए। अब जोसेफ ने अपनी इस कमी को नियति मान कर फैसला कर लिया है कि वो इसके साथ ही जिएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए।
ईटिंग ट्यूब से लेते हैं खाना :
जबड़ा न होने की वजह से जोसेफ विलियम्स न तो ठीक से बोल पाते हैं और ना ही खाना खा पाते हैं। बोलने के लिए जोसेफ साइन लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हैं। वहीं खाना खाने के लिए वो ईटिंग ट्यूब की मदद लेते हैं। जोसेफ बातचीत करने के लिए साइन लैंग्वेज, फोन और राइटिंग नोट्स की मदद लेते हैं। जबकि खाने के लिए उनके पेट से जुड़ी हुई एक ट्यूब है, जिसके जरिए उनके पेट में सीधे खाना जाता है। जोसेफ कहते हैं कि मैंने अब तक खाने का स्वाद नहीं चखा है। जोसेफ ट्यूब के जरिए मिश्रित भोजन लेते हैं।
शादीशुदा हैं 41 साल के जोसेफ :
जोसेफ में भले ही शारीरिक विसंगति है, लेकिन बावजूद इसके वो शादीशुदा हैं। पेशे से वो एक वेल्डर हैं। हालांकि, कुछ साल पहले उन्हें लगता था कि शारीरिक कमी के चलते उन्हें अपनी जिंदगी अकेले ही गुजारनी पड़ेगी, लेकिन तभी उनकी मुलाकात वानिया से हुई। जोसेफ और वानिया पहली बार 2019 में मिले। हम दोनों पहली मुलाकात के बाद ही दोस्त बन गए। धीरे-धीरे हमारी डेटिंग शुरू हो गई। इसके बाद 2020 में हमने शादी कर ली। हालांकि, लोगों को आज भी ये लगता है कि मेरी शादी कैसे हो गई। सच कहूं तो इसकी उम्मीद मुझे भी नहीं थी। जोसेफ चाहते हैं कि लोग उनकी शारीरिक कमी की वजह से उन्हें घूरने के बजाय उनसे बात करें तो उन्हें अच्छा लगेगा।
क्या है ओरल फेशियल डिजिटल सिंड्रोम :
ओरल फेशियल डिजिटल सिंड्रोम (ओएफडीएस) उन स्थितियों का एक समूह है, जो मुंह, जीभ, दांत जबड़े, चेहरे, सिर, आंख और नाक में विकृति के साथ ही इनके विकास को प्रभावित करता है। आमतौर पर ऐसे लोगों में मस्तिष्क के विकास और संरचना के साथ भी समस्याएं होती हैं। साथ ही इससे प्रभावित लोगों में हल्की से गंभीर बौद्धिक अक्षमता भी देखी जाती है।
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