सार

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सिरिशा के दादा-दादी आंध्र प्रदेश के गुंटूर में रहते हैं। उनके दादा ने कहा कि सिरिशा चार साल की उम्र से ही उड़ना चाहती थी। उसकी आंखें हमेशा आसमान में होती थी। 
 

नई दिल्ली. आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में जन्म लेने वाली सिरिशा बांदला  अंतरिक्ष में उड़ान भरने जा रही है। वे अंतरिक्ष में जाने वाली भारत में जन्मीं दूसरी महिला हैं। उनसे पहले हरियाणा में जन्म लेने वाली कल्पना चावला हैं। 34 साल की सिरिशा ने न्यू मैक्सिको से छह लोगों के साथ उड़ान भरने वाली हैं। 

4 साल की उम्र में सिरिशा ने छोड़ दिया था घर
सिरीशा ने महज 4 साल की उम्र में ही अंतरिक्ष जाने का सपना देखा। 4 साल की उम्र में उन्होंने आंध्र प्रदेश छोड़ दिया और अमेरिका चली गईं। 

दरअसल, सिरिशा के पिता बी मुरलीधर और मां अनुराधा अमेरिका में जॉब करते थे। सिरिशा ने अंतरिक्ष में जाने का सपना देखा था, लेकिन आंख में कुछ कमी की वजह से नासा में न जा सकी। फिर ट्रीम बदलकर स्पेस पॉलिसी चुना। 

सिरिशा बंदला अमेरिका के ह्यूस्टन में पली बढ़ी हैं। वह एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं। उन्होंने जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिरीशा बंदला वर्जिन गेलेक्टिक रॉकेट पर अंतरिक्ष यात्री संख्या 4 के रूप में गईं हैं। उसका काम रिसर्चर का है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सिरिशा के दादा-दादी आंध्र प्रदेश के गुंटूर में रहते हैं। उनके दादा ने कहा कि सिरिशा चार साल की उम्र से ही उड़ना चाहती थी। उसकी आंखें हमेशा आसमान में होती थी। 

जब पता चला कि अंतरिक्ष में जाना है 
जब पहली बार सिरिशा को पता चला कि वे भी अंतरिक्ष जाने वाली टीम में हैं तो उनका रिएक्शन देखने वाला था। एक वीडियो में बंदला को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह अवाक रह गईं, जब उन्होंने सुना कि वे वर्जिन गेलेक्टिक रॉकेट पर सवार छह लोगों में से एक हैं। 

2 जुलाई को ब्रैनसन ने अंतरिक्ष यात्रा की घोषणा की थी। उन्होंने ट्वीट किया था, मैं हमेशा सपने देखने वाला रहा हूं। मेरी मां ने मुझे कभी हार नहीं मानने और सितारों तक पहुंचने की शिक्षा दी।