कोरोना वायरस इंसानों में कैसे फैला, इसे लेकर अभी रिसर्च चल ही रहा है। इतना तय है कि पहली बार यह वायरस चीन के हुबेई प्रोविन्स के वुहान के वेट मार्केट से फैला, जहां वाइल्ड एनिमल्स के मीट का बड़े पैमाने पर कारोबार होता है। लेकिन अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है कि इंसानों में यह वायरस किस जीव के जरिए फैला। पहले कहा जा रहा था कि यह चमगादड़ों के जरिए फैला। यह भी कहा गया कि वुहान के इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में चमगादड़ों पर एक्सपेरिमेंट किए जा रहे थे। बाद में कहा जाने लगा कि कोरोना वायरस पैंगोलिन्स के जरिए लोगों में फैला। कुछ वैज्ञानिकों का कहना था कि यह वायरस कुत्तों, चमगादड़ों, सांपों, चूहों और दूसरे पालतू जानवरों के जरिए भी फैल सकता है। बहरहाल, इस बात को मान लिया गया कि चमगादड़ों के जरिए यह वायरस काफी फैला। लेकिन अब एक स्टडी में यह दावा किया जा रहा है कि यह वायरस आवारा कुत्तों के जरिए फैला है।
कनाडा के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस के जीनोम का विश्लेषण किया है और कहा है कि यह कुत्तों के जरिए फैल सकता है। लेकिन इसकी यह कह कर आलोचना की जा रही है कि स्टडी के लिए शोधकर्ताओं के पास पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं था। द रॉयल सोसाइटी फॉर द प्रिवेन्शन ऑफ क्रुअल्टी टू एनिमल्स (RSPCA) की चीफ वेटनरी ऑफिसर कैरोलिन एलेन ने कहा है कि यह सिर्फ एक थ्योरी है, जिसके पीछे अभी कोई ठोस प्रमाण नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात को साबित कर पाना संभव नहीं है कि कुत्तों के जरिए कोरोना वायरस फैला है। उनका कहना है कि लोग अपने पालतू कुत्तों को नहीं भगाएं और स्ट्रे डॉग्स को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाएं। उन्होंने यह भी कहा कि इस स्टडी का एनिमल वेलफेयर पर बहुत खराब असर पड़ सकता है, वहीं यह रिपोर्ट भी प्रामाणिक नहीं है। बहरहाल, इस पेपर को लिखने वाले ओटावा यूनिवर्सिटी के बायोलॉजिस्ट शुहुआ शिया ने कहा है कि उन्होंने इस आधार पर यह स्टडी की है कि कोरोना वायरस पहले चमगादड़ों में फैला और फिर कुत्तों ने उन चमगादड़ों को खाया, जिससे यह लोगों में भी फैलने लगा। इस थ्योरी को लेकर अभी साइंटिस्ट्स में अलग-अलग राय है। देखें इससे जुड़ी तस्वीरें।