सार
सोशल मीडिया पर सविता गुप्ता नाम की महिला इन दिनों छाई हुई हैं। संघर्ष के दिनों में उन्होंने खुद को और बच्चों को कैसे संभाला और मुसीबतों का सामने करते हुए आगे बढ़ीं, इसकी वीडियो स्टोरी इंस्टाग्राम पर एक यूजर ने पोस्ट की है। लोग सविता के साहस को सलाम कर रहे।
नई दिल्ली। रियल लाइफ में तमाम मुसीबतों और दुखों का पहाड़ आने पर कुछ लोग टूट जाते हैं और कुछ इससे उबर कर भविष्य की ओर देखते हुए वापस मजबूती से खड़े होते हैं। सविता गुप्ता इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। उन्होंने कैसे पति की मौत के बाद भी हार नहीं मानी और वह सब किया जो वह आगे बढ़ने तथा बच्चों को पालने के लिए कर सकती थीं। आज उनकी सक्सेज स्टोरी लोगों के लिए प्रेरणा का काम कर रही है।
इंटरनेट निश्चित तौर पर ऐसी एक जगह है, जहां आप जब चाहें, जो चाहें सभी जानकारी हासिल कर सकते हैं। बस आपको सही कीवर्ड टाइप करना होगा और जो चाहते हैं, उससे जुड़ी पुरानी और नई सभी जानकारी आपके कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन पर उपलब्ध होगी। आप प्रेरणादायक कहानियां और रियल स्टोरी देख-पढ़ सकते हैं, जो आपको टफ टाइम में भी कैसे मजबूती से खड़ा रहना है, इसके बारे में बताएंगी।
26 साल की उम्र में पति को खोया, मगर हार नहीं मानी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर ह्यूमन्स ऑफ छत्तीसगढ़ ने सविता गुप्ता की एक वीडियो स्टोरी पोस्ट की है। यह सक्सेज स्टोरी में बताया गया है कि कैसे 26 साल की उम्र में सविता ने पति को खो दिया था। तब उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब थी। बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पास में पैसे नहीं थे। सविता के सामने अपनी लंबी जिंदगी थी और बच्चे भी, जिनके पालन पोषण और पढ़ाई-लिखाई की पूरी जिम्मेदरी अकेले उसकी थी। इस वीडियो स्टोरी को करीब 13 लाख बार देखा गया, जबकि डेढ़ लाख लोगों ने इसे लाइक किया है और सैंकड़ों यूजर्स ने इस पर अपने कमेंट दिए हैं। यूजर्स सविता के जुझारूपन की सराहना कर रहे हैं और हार मान चुके लोगों को उनसे सीख लेने की नसीहतें दे रहे हैं।
पहले पोहा स्टाल और अब टिफिन सर्विस की सफलता से आई मुस्कान
सविता ने पोहा का स्टाल लगाना शुरू किया। उनका स्टॉल इतना सफल हुआ कि अब उनके पास समय की कमी रहती है। सुबह साढ़े पांच बजे वह पोहा लेकर निकल जातीं और शाम तक इसकी बिक्री चलती रहती। बाद में उन्होंने टिफिन सर्विस भी शुरू की। सविता के मुताबिक, चीजें आसान नहीं थीं। मगर हमने अपनी मेहनत से कर दिखाया। आज मेरे बच्चे अपने पैरों पर खड़े हैं और मैंने हाल ही में अपना नया घर बनवाया है।
यूजर्स ने उनके साहस और संघर्ष को सलाम करते हुए कहा आप सच में रियल हीरो हैं। आपको सलाम करते हैं। वहीं, एक यूजर ने लिखा आप हमारे अपने शहर से हैं यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। आपसे हमें प्रेरणा मिलती हैं।
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