सार
हम बात कर रहे हैं लोंगवा गांव की, जिसका वीडियाे हाल ही में नागालैंड के मंत्री तेमजेन इम्ना अलॉन्ग (Temjen Imna Along) ने शेयर किया है। जानें क्यों अनोखा है ये गांव?
ट्रेंडिंग डेस्क. भारत में एक ऐसा गांव है जो अपने आप में किसी अजूबे से कम नहीं है। यहां लोग सोने के लिए भारत में जाते हैं, तो सुबह उठकर नाश्ता दूसरे देश यानी म्यांमार में करते हैं। सुनने में अजीब लगे पर ये सच है। हम बात कर रहे हैं लोंगवा गांव की, जिसका वीडियाे हाल ही में नागालैंड के मंत्री तेमजेन इम्ना अलॉन्ग (Temjen Imna Along) ने शेयर किया है। जानें क्यों अनोखा है ये गांव?
बॉर्डर के बीच बने हैं कई घर
दरअसल, मंत्री तेमजेन अलॉन्ग ने अपने ट्विटर अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए लोंगवा गांवा का एक घर दिखाया जिसका कैप्शन था, 'ओह माय गॉड, यह मेरा भारत है। सीमा पार करने के लिए, इस शख्स को बस अपने बेडरूम में जाने की जरूरत है। ये भारत में सोने और म्यांमार में खाने जैसा दृश्य है'। बता दें कि मंत्री तेमजेन ने इस वीडियो में जो कैप्शन दिया असल में यहां ऐसा ही है। भारत-म्यांमार बॉर्डर पर होने की वजह से यहां कई घर आधे भारत में पड़ते हैं तो उनका आधा हिस्सा म्यांमार में।
खूंखार आदिवासियों का गढ़ था लोंगवा
बता दें कि लोंगवा नागालैंड के मोन जिले में जंगलों के बीच म्यांमार बॉर्डर से लगा हुआ भारत का आखिरी गांव है। बहुत पहले यहां कोंयाक आदिवासी रहा करते थे, जो बेहद खूंखार थे। अपने कबीले की सत्ता और जमीन पर कब्जे के लिए वो अक्सर पड़ोस के गांवों में लड़ाईयां करते और लोंगों का गला काट दिया करते थे। 1940 के बाद से यहां काफी बदलाव देखने मिला और चीजें बेहतर होने लगीं।
दोनों देशों में आ-जा सकते हैं यहां के नागरिक
बताया जाता है कि इस गांव को दो हिस्सों में नहीं बाटा जा सका था, जिसके बाद दोनों देश के बीच बॉर्डर को एक रेखा के रूप में गांव के बीच से निकाल दिया गया। बॉर्डर के दोनों ओर बस यहां भारत और म्यांमार के झंडे लगे दिखते हैं। सबसे खास बात ये है कि यहां कि नागरिकों को दोनों देश की नागरिकता मिली हुई है। इतना ही नहीं वे बिना वीजा के दोनों देशों में आ जा सकते हैं।
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