सार

बीरभूम जिले के (Birbhum District) रामपुर हाट क्षेत्र में मंगलवार को हुई हिंसा में करीब एक दर्जन लोगों को जिंदा जला दिया गया। दावा किया जा रहा है कि यह हिंसा एक दिन पहले मारे गए तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता भादू शेख (Bhadu Sheikh) की हत्या का नतीजा थी। वहीं, एक साल पहले भादू शेख के भाई बाबर शेख (Babar Sheikh) की भी हत्या कर दी गई थी। 

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी के पंचायत उप प्रधान भादू शेख की हत्या के बाद मंगलवार को हिंसा भड़क गई, जिसमें कम से कम एक दर्जन लोगों के मारे जाने की खबर है। भादू शेख की हत्या ठीक एक दिन पहले 21 मार्च दिन सोमवार को कर दी गई थी। बंगाल पुलिस के मुताबिक, बाइक सवार चार बदमाशों ने भादू शेख पर बम फेंका था। घटना के बाद उन्हें सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। 

यह घटना रामपुर हाट क्षेत्र की है। इसी क्षेत्र में करीब एक साल पहले भादू शेख के भाई बाबर शेख की भी हत्या कर दी गई थी। वह भी तृणमूल कांग्रेस का कार्यकर्ता था। बाबर को गोलियों से भून दिया गया था, जब वह चौक के पास खड़ा था। बाबर पर तीन बदमाशों ने हमला किया था। घटना के बाद मौके पर खड़े लोगों ने हमलावरों को पकड़ने की कोशिश की थी, मगर वे भागने में सफल रहे थे। घटना के बाद भादू मौके पर पहुंचा और खून से लथपथ अपने भाई बाबर को अस्पताल ले गया, मगर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। 

यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल के बीरभूम में TMC नेता पर बम से हमले के बाद हिंसा भड़की, 10 लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला 

बाबर की हत्या में तीन हमलावर पकड़े गए थे 
हालांकि, बाद में पुलिस ने तीनों हमलावरों को पकड़ने में कामयाबी हासिल कर ली थी। दिलचस्प यह है कि भादू की मौत के बाद रामपुर हाट ब्लॉक के टीएमसी अध्यक्ष अनवर हुसैन ने तृणमूल कार्यकर्ताओं से शांत रहने  और हिंसा नहीं करने की अपील की, जबकि बाबर की हत्या के समय भी अनवर ने ही तृणमूल कार्यकर्ताओं से हिंसा नहीं करने की अपील की थी। अनवर ने तब घटना के पीछे भाजपा कार्यकर्ताओं का हाथ होने की बात कही थी, मगर भादू की मौत के बाद यह दावा किया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस का एक ही गुट भादू और उसके परिवार से रंजिश रखता है और वही गुट घटनाओं को अंजाम दे रहा है। 

यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में फिर भड़की बदले की आग,TMC नेता के मर्डर के बाद भाजपा समर्थकों के घरों को फूंका, 10 जिंदा जले

हाल ही में दो पार्षदों की भी हत्या कर दी गई थी 
तृणमूल नेताओं की ओर से दावा किया जा रहा है कि मंगलवार को हुई हिंसा, जिसमें करीब एक दर्जन लोग मारे गए, भादू शेख की हत्या का नतीजा थी। दावा यह भी किया जा रहा है कि भादू अपने इलाके में काफी चर्चित थे। उनकी मौत के बाद स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा था। मगर बंगाल में राजनीतिक दुश्मनी में बेरहमी से हत्या पहली बार नहीं है। पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद कई नेताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी। वहीं, हाल ही में दो पार्षदों की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें एक पार्षद तृणमूल कांग्रेस का, जबकि दूसरा कांग्रेस पार्टी से जुड़ा था।