सार

चंद्रयान-3 करीब 42 दिन के सफर के बाद चांद पर पहुंचेगा। अनुमान है कि 23 अगस्त यह चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है। चंद्रयान के बाद इसी साल दुनियाभर में बैक टू बैक चार मून मिशन लॉन्च होंगे।

ट्रेंडिंग डेस्क : चंद्रयान-3 की सफलता के साथ ही भारत उन चार देशों में शामिल हो जाएगा, जो चांद पर पहुंच चुके हैं। ISRO ने इस मिशन को सफल बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा है। दुनिया की हर स्पेस एजेंसी चांद पर पहुंचने की होड़ में है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद अब भारत भी ऐसा कर रहा है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के बाद इस साल दुनियाभर में बैक टू बैक चार मून मिशन लॉन्च किए जाएंगे। आइए जानते हैं इनमें कौन-कौन से देश शामिल हैं...

Luna 25

यह मून मिशन रूस का है, जो चंद्रयान-3 के तुरंत बाद अगस्त में लॉन्च होगा। स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के अनुसार, लूना-25 को सोयुज रॉकेट से चांद पर भेजा जाएगा। इस मिशन से 30 साल बाद रूस वापस से चांद पर जा रहा है। रूस का आखिरी मून मिशन 1976 में Luna 24 था। तब सोवियत संघ का प्रभाव हुआ करता था। उस मिशन में चंद्रमा की धरती से 170 ग्राम मिट्टी लाई गई थी।

Japan Slim

जापान एयरोस्पेस एक्सपोरेशन एजेंसी JAXA की तरफ से भी इसी साल स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून यानी स्लिम चांद पर भेजा जाएगा। 26 अगस्त से 15 सितंबर के बीच किसी भी तारीख को यह मिशन उड़ान भरेगा। इस मिशन में जापान एक्सरे इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी को चंद्रमा तक भेजेगा। JAXA के एक बयान के अनुसार, यह मिशन चांद पर कम गुरुत्वाकर्षण वाले वातावरण की जांच करेगा। बता दें कि यह जापान का दूसरा मून मिशन होगा। इससे पहले जापान की एक प्राइवेट फर्म ने मून मिशन लॉन्च किया था, जो असफल हो गया था।

IM-1 Moon Mission

टेक्सास बेस्ड प्राइवेट कंपनी Intuitive Machines 2023 इसी साल IM-1 मून मिशन को लॉन्च करने जा रही है। कंपनी के लैंडर का नाम नोवा सी है। फाल्कन-9 रॉकेट से इसे भेजा जाएगा। कंपनी अपने यान के साथ कई कंपनियों के पेलोड भी भेजेगी।

Peregrine M1 Moon Mission

इस साल का आखिरी मून मिशन प्राइवेट स्पेस एजेंसी एस्ट्रोबोटिक का है, जिसे पेरेग्रीन एम-1 मिशन नाम दिया गया है। इस मिशन की लॉन्चिंग इसी साल के आखिरी तक की जाएगी। कंपनी की तरफ से कई बार दावा किया जा चुका है कि उसका लैंडर लॉन्च होने को तैयार है। इसी साल फरवरी में उसे अपडेट भी किया गया था।

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