सार

ऐसा नहीं है कि भारत में सिर्फ श्रीहरिकोटा का सतीश धवन स्पेस सेंटर ही रॉकेट लॉन्चिंग सेंटर है। लेकिन हर एक स्पेस मिशन यहीं से लॉन्च होते हैं। लोकेशन से लेकर कई वजह है जो इस रॉकेट लॉन्चिंग पैड को सबसे बेहतर बनाता है।

ट्रेंडिंग डेस्क : भारत का महत्वाकांक्षी चंद्रयान 3 (Chandrayaan-3) बाहुबली रॉकेट LVM3 M4 से चंद्रमा के लिए उड़ान भर रहा है। श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से इसकी उड़ान तय हो रही है। ISRO अपने हर मिशन की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा से ही करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंद्रयान 3 जैसे सैटेलाइट की लॉन्चिंग यहीं से ही क्यों करता है? अगर नहीं तो आइए जानते हैं देश के इस लॉन्चिंग स्टेशन के बारें में दिलचस्प फैक्ट्स...

श्रीहरिकोटा कहां और कैसा है

आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर (SHAR) से इसरो के हर स्पेस मिशन को लॉन्च किया जाता है। यह स्पिंडल शेप का आइलैंड है। भूमध्य रेखा (Equator) से इसकी करीबी यहां से किसी स्पेश मिशन की लॉन्चिंग की एक बड़ा कारण है। मतलब यहां से पूर्व दिशा की ओर लॉन्चिंग में मदद मिलती है।

श्रीहरिकोटा को सैटेलाइट लॉन्चिंग के लिए कब चुना गया

साल 1969 में श्रीहरिकोटा आइलैंड को सैटलाइट लॉन्चिंग स्टेशन के तौर पर चुना गया था। 1971 में RH-125 साउंडिंग रॉकेट की लॉन्चिंग के साथ इस सेंटर का ऑपरेशनल हुआ। अगस्त 1979 में यहां से पहला ऑर्बिट सैटलाइट रोहिणी 1A 10 की लॉन्चिंग हुई। हालांकि, एक खराबी के चलते 19 अगस्त को यह नष्ट हो गया।

श्रीहरिकोटा से ही चंद्रयान 3 जैसे सैटेलाइट की लॉन्चिंग क्यों

  • लोकेशन की वजह से श्रीहरिकोटा सैटेलाइट लॉन्चिंग के लिए बेहतरीन है। भूमध्य रेखा से करीबी होने से जियोस्टेशनरी सैटलाइट के लिए यह शानदार लॉन्च स्टेशन है।
  • पूर्व दिशा की ओर होने वाली लॉन्चिंग के लिए एक बेहतरीन सेंटर है।
  • ज्यादातर सैटलाइट पूर्व की ओर ही लॉन्च किए जाते हैं। इसलिए पूर्वी तट पर इस जगह के होने से इसे अतिरिक्त 0.4 किलोमीटर प्रति सेकेंड की वेलोसिटी मिल जाती है।
  • श्रीहरिकोटा तक पहुंचने वाले उपकरण काफी भारी होते हैं और दुनिया के कोने-कोने से इन्हें लाया जाता है। जमीन, पानी और हवा से यहां तक पहुंचना काफी आसान है।
  • श्रीहरिकोटा का स्पेस सेंटर नेशनल हाइवे (NH-5) पर स्थित है। 20 किमी दूर नजदीकी रेलवे स्टेशन और 70 किलोमीटर दूर चेन्नई का इंटरनेशनल पोर्ट है।
  • चूंकि यह सेंटर आबादी से दूर है, यह भी इसे सुरक्षा की दृष्टि से परफेक्ट बनाती है। यही कारण है कि बैकोनुर को छोड़कर दुनिया के ज्यादातर लॉन्चिंग पैड पानी के पास हैं।
  • यहां की आबादी काफी कम हैं। यहां रहने वाले लोग या तो इसरो से जुड़े हैं या स्थानीय मछुआरे हैं।

भारत में कितने रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन हैं

हमारे देश भारत में दो लॉन्चिंग पैड हैं। पहला श्रीहरिकोटा का सतीश धवन स्पेस सेंटर है। दूसरा- तिरुवनंतपुरम का थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन हैं। इन्हीं दोनों से स्पेश मिशन को अंजाम दिया जाता है।

क्या श्रीहरिकोटा में रॉकेट लॉन्चिंग पैड देखने जा सकते हैं

अगर ISRO आपको इजाजत देता है तो आप रॉकेट लॉन्चिंग पैड देख सकते हैं। हर बुधवार को विजिटर्स को लिमिटेड एक्सेस के साथ यहां लाया जाता है और उन्हें स्पेस सेंटर दिखाया जाता है।

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