सार
एल मुरुगन के माता- पिता आज भी तमिलनाडु में नमक्कल जिले के कुनूर गांव में खेतों का काम करते हैं। वो दोनों दिहाड़ी मजदूरी करते हैं।
ट्रेंडिंग डेस्क. अगर कोई व्यक्ति केन्द्र में मंत्री बन जाए तो उसकी चर्चा उसके पूरे इलाके में होने लगती है। उसके परिवार की लाइफ स्टाइल में बदलाव आ जाता है। मोदी सरकार ने हाल ही में अपने कैबिनेट का विस्तार किया है। एल मुरुगन को मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी और सूचना प्रसारण राज्यमंत्री बनाया गया है। लेकिन उनके माता-पिता के जीवन में कोई बदलाव नहीं आया है।
दिहाड़ी मजदूर हैं माता-पिता
एल मुरुगन के माता- पिता आज भी तमिलनाडु में नमक्कल जिले के कुनूर गांव में खेतों का काम करते हैं। वो दोनों दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। उनके छोटे बेटे की मौत हो गई है जिसके बाद से वो उनके फैमली की भी जिम्मेदारी संभालते हैं। एल मुरुगन के पिता का नाम लोगनाथन है। वे अपने गांव में एक छोटे से घर में रहते हैं।
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बेटे के मंत्री बनने के बाद जीवन में नहीं आया बदलाव
बेटे के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी उनके जीवन में कोई बदलाव नहीं आया है। गांव वालों के अनुसार, जब उनके बेटे एल मुरुगन प्रदेश भाजपाध्यक्ष थे तब भी लोगनाथन ने कोरोना की वैक्सीन आम जनता की तरह लाइन में लगकर लगवाई थी। वकील एल मुरुगन केंद्रीय मंत्री बनने से पहले तमिलनाडु प्रदेश भाजपा अध्यक्ष थे।
हमने बेटे के लिए कुछ नहीं किया
मुरुगन की मां वरुदम्मल बेटे की सफलता का श्रेय खुद नहीं लेना चाहती हैं। वो बताती हैं ‘हमने अपने बेटे का भविष्य बनाने के लिए कुछ नहीं किया, लेकिन आज उसने जो जगह पाई है, वह उसी की मेहनत है। हमें उस पर गर्व है। मुरुगन की पढ़ाई उधार लेकर कराई और हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। बेटे के मंत्री बनने की जानकारी उन्हें पड़ोसियों से मिली थी। जिस समय वो मंत्री बने थे उनके माता-पिता खेतों में काम कर रहे थे और बेटे की मंत्री बनने की जानकारी मिलने के बाद भी खेतों में काम करते रहे।