सार
तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं के पढ़ने पर ये कहकर रोक लगा दी क्योंकि उसके मुताबिक लड़कियां इस्लाम के मुताबिक ड्रेस कोड के साथ स्कूल-कॉलेज नहीं जा रहीं।
ट्रेंडिंग डेस्क. पिछले साल दिसंबर में तालिबान ने अफगानिस्तान में लड़कियों के स्कूल-कॉलेज जाने पर पाबंदी लगा दी थी, जिसके बाद से छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए मजबूर हो गई थीं। वहीं शीत सत्र के बाद अब जाकर अफगानिस्तान यूनिवर्सिटी खुली है लेकिन यहां अब भी छात्राओं का प्रवेश वर्जित है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान के आदेश के बाद यहां केवल छात्र ही यूनिवर्सिटी के अंदर दाखिल हो सकते हैं।
90 हजार से ज्यादा छात्राएं प्रभावित
रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबानी आदेश के बाद 90 हजार से ज्यादा लड़कियां इससे प्रभावित हुई हैं। कई छात्राएं ऐसी हैं जिनकी पढ़ाई लगभग पूरी हो गई थी पर तालिबान ने डिप्लोमा सर्टिफिकेट पर ही रोक लगा दी। यूनिवर्सिटी में प्रवेश वर्जित होने से छात्राएं पेरशान हैं। घोर प्रांत में रहने वाले 22 वर्षीय रहेला ने कहा, 'ये देखकर बहुत दुख हो रहा है कि लड़कों को कॉलेज जाने दिया जा रहा है और हम घर पर रहने मजबूर हैं। ये तो सीधे तौर पर लड़कियों से भेदभाव है। इस्लाम में पढ़ाई की कहां मनाही है? किसी को हमें पढ़ने देने से नहीं रोकना चाहिए'।
एक साल से लड़कियों के स्कूल बंद
तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं के पढ़ने पर ये कहकर रोक लगा दी क्योंकि उसके मुताबिक लड़कियां इस्लाम के मुताबिक ड्रेस कोड के साथ स्कूल-कॉलेज नहीं जा रहीं। कई यूनिवर्सिटी ने इसे देखते हुए छात्राओं के लिए आने के अलग रास्ते व क्लास रूम तक बना दिए पर तालिबान ने अभी छात्राओं की पढ़ाई रोकी हुई है। तालिबान की ओर से बयान में कहा गया था कि ये बैन अस्थाई है लेकिन इसके बावजूद यहां एक साल बाद भी लड़कियों के सेकेंड्री स्कूल नहीं खोले गए।
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