सार
सिंगापुर में महिलाएं काम पर जा रही हैं और पुरूष सदस्य अब घर व बच्चों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। बीते दस साल में यह तेजी से बढ़ा है और संख्या दो गुनी हुई है।
नई दिल्ली। क्या आप इस बात की कल्पना कर सकते हैं कि महिलाएं काम पर जाएं और पुरूष सदस्य घर व किचन संभाले। अब यह सिर्फ कल्पना नहीं रह गई है बल्कि, सिंगापुर में यह संभव भी हो गया है। यहां महिलाएं जॉब करने जाती हैं, जबकि पुरूष नौकरी छोड़कर घर संभाल रहे हैं और बच्चों को भी देखभाल कर रहे हैं। इसके कई उदाहरण वहां देखने को मिल जाएंगे।
दरअसल, सिंगापुर की मैनपॉवर, लेबर फोर्स मंत्रालय की रिपोर्ट पर गौर करें तो वह भी इस ओर इशारा करती है कि यहां जॉब कल्चर ट्रेंड बदल रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल यानी वर्ष 2021 में 14 हजार से अधिक पुरुषों ने जॉब छोड़ दी। अपने त्यागपत्र में इन्होंने घर की जिम्मेदारियां संभालने का उल्लेख किया है। वहीं, ऑफिस में महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है।
जॉब करते रहे तो बच्चे नहीं संभल पाएंगे, इनकी परवरिश भी जरूरी
हालांकि, पुरुषों का कहना है कि वे अपनी जॉब जारी रख सकते थे, मगर बच्चों को संभालने के लिए उन्हें चाइल्ड केयर का सहारा लेना पड़ता और इसमें उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा चला जाता। ऐसा करने से बेहतर है बच्चों की परवरिश पर खुद ध्यान दिया जाए और उन्हें समय दिया जाए। वैसे भी एक सदस्य तो काम कर ही रहा है।
दस साल में दोगुनी हुई जॉब छोड़ने वाले पुरुषों की संख्या
रिपोर्ट के अनुसार, अब से करीब दस साल पहले यानी वर्ष 2011 में यह संख्या करीब छह हजार सात सौ थी, जो अब 2021 की रिपोर्ट 14 हजार 100 होकर लगभग दोगुनी पहुंच गई है। दूसरी तरफ महिलाएं अब पारिवारिक कारणों का हवाला बताकर नौकरी नहीं छोड़ रही हैं। बीते दस साल की रिपोर्ट में इस आंकड़े में 27 प्रतिशत की कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार,
दस साल पहले यानी 2011 में तीन लाख 28 हजार 400 महिलाओं ने पारिवारिक कारण बताकर नौकरी छोड़ी थी। मगर पिछले साल वर्ष 2021 में यह संख्या घटकर दो लाख 39 हजार 100 रह गई।
सीईओ की संख्या भी तेजी से बढ़ रही, दो साल में 9 प्रतिशत आंकड़ा बढ़ा
देखा जाए तो सिंगापुर में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या एमबीए डिग्री हासिल करने वालों में अधिक है। इसके अलावा, तमाम ऑफिस और कंपनियों में महिलाएं बड़े पदों पर हैं। महिला सीईओ की संख्या यहां 13.1 प्रतिशत है, जो दुनिया में किसी भी देश से अधिक है। 2019 में जहां 15 प्रतिशत महिलाएं सीईओ थीं, वहीं 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 26 प्रतिशत हो गया।
जॉब की कुर्बानी दे रहे पुरूष, लैंगिक समानता भी बड़ी वजह
वहीं, एक बात यह भी सामने आई है कि पुरूष सदस्य अब घर में रहना ज्यादा पसंद कर रहे, जबकि कुछ पुरूष सदस्य इसलिए भी ऐसा कर रहे क्योंकि उनकी पत्नी की नौकरी और सैलरी अच्छी है, वे उसे गंवाना नहीं चाहते। ऐसे में वे अपनी जॉब की कुर्बानी दे रहे हैं। इसके अलावा, लैंगिक समानता भी बड़ी वजह है और पुरूष जॉब छोड़ने में खुद पहल कर रहे और सहज होकर आगे आ रहे हैं। इसके अलावा कोरोना महामारी में बहुत से पुरुषों की नौकरी गई या फिर वे वर्क फ्रॉम होम करके पैसे कमा रहे हैं। ऐसे में वे एक साथ दो जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
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