सार
हर साल मई महीने के पहले गुरुवार को वर्ल्ड पासवर्ड डे मनाया जाता है। इस दिन को सेलिब्रेट करने का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को पासवर्ड के प्रति जागरुक करना है ताकि वो अपनी कीमती चीजों काे सुरक्षित रख सकें।
World Password Day 2022: मई महीने के पहले गुरुवार को हर साल वर्ल्ड पासवर्ड डे मनाया जाता है। इस साल मई का पहला गुरुवार 5 मई को है, इसलिए विश्व पासवर्ड दिवस भी इसी दिन मनाया जा रहा है। यह दिन लोगों की की कीमती चीजों को डिजिटल पासवर्ड के माध्यम से सुरक्षित रखने और इस बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। बता दें कि पासवर्ड के बिना डिजिटल दुनिया में काम कर पाना असंभव है।
पासवर्ड का पुराना कांसेप्ट :
पासवर्ड शब्द भले ही लगता हो कि डिजिटल क्रांति के बाद प्रयोग में आया, लेकिन ऐसा नहीं है। प्राचीन काल में भी ये इस्तेमाल होता था और इसका सबसे बड़ा उदारहण 'अली बाबा चालीस चोर' की कहानी है। चोरों का सरदार जिस गुफा में बेशुमार धन-दौलत छुपाकर रखता था, वो एक पासवर्ड 'खुल जा सिमसिम' से ही खुलती थी। इसलिए कहा जा सकता है कि पासवर्ड का आइडिया पहले भी था।
मार्क बर्नेट ने पासवर्ड के लिए किया इंस्पायर :
वैसे, वर्ल्ड पासवर्ड डे को मनाने के लिए सबसे पहले सिक्योरिटी रिसर्चर मार्क बर्नेट ने 2005 में अपनी किताब 'परफेक्ट पासवर्ड' के जरिए लोगों को प्रेरित किया था। उनके इसी विचार से इंस्पायर्ड होकर इंटेल सिक्योरिटी ने 2013 में मई के पहले गुरुवार को वर्ल्ड पासवर्ड डे मनाने का ऐलान किया। इस दिन को मनाने का मकसद अपनी कीमती और गुप्त चीजों के लिए पासवर्ड के प्रति जागरुक करना है।
1960 के दशक में हुआ था पासवर्ड का इस्तेमाल :
हालांकि, कम्प्यूटिंग फील्ड में पासवर्ड का इस्तेमाल सबसे पहले 1960 के दशक में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड बेल लेबोरेटरीज ने मिलकर यूनिक्स (Unix) सिस्टम में किया था। इस दौरान एक कम्प्यूटर को कुछ इस तरह जोड़ा गया था, जिससे उसमें एक साथ कई लोग काम कर सकते थे और इसके लिए पासवर्ड का इस्तेमाल किया गया था। ऐसा ही आजकल ऑफिस या फिर बैंको में होता है। आज के दौर में ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर नेट बैंकिंग, मोबाइल ऑपरेशन और सोशल साइट्स तक में पासवर्ड का इस्तेमाल होता है।
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