सार
Amla Navami 2022 Upay: आंवला नवमी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 2 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा। कई धर्म ग्रंथों में इस पर्व का महत्व बताया गया है।
उज्जैन. आज (2 नवंबर) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। इस दिन आंवला नवमी (Amla Navami 2022 Upay) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 2 नवंबर, बुधवार को है। इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है और घर में भी सुख-समृद्धि बनी रहती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, आंवला को लक्ष्मी फल भी कहा जाता है। इस दिन अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो धन लाभ सहित अन्य इच्छाएं पूरी हो सकती है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
देवी लक्ष्मी की पूजा करें
मान्यता के अनुसार, आंवला नवमी पर देवी लक्ष्मी ने आंवला वृक्ष की पूजा की जाती है। तभी से ये पर्व मनाया जाता है। आंवला नवमी पर देवी लक्ष्मी को आंवले के फल अर्पित करना चाहिए। आंवला को लक्ष्मी फल भी कहा जाता है। मान्यता है कि देवी लक्ष्मी को आंवला अर्पित करने से धन लाभ सहित अन्य कई फायदे हो सकते हैं।
आंवला फलों का दान करें
आंवला नवमी पर किसी मंदिर के अन्न क्षेत्र में आंवला फलों का दान करें। अगर संभव हो तो किसी योग्य ब्राह्मण को भी आंवला फलों का दान कर सकते हैं। साथ में कुछ दक्षिणा भी दें। इससे आपके परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
आंवला वृक्ष की पूजा करें
आंवला नवमी पर आंवला वृक्ष की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन आंवला वृक्ष के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाएं और कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें। इससे देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं। मान्यता है कि इसी स्त्रोत के माध्यम से आदि शंकराचार्य ने सोने की बारिश करवाई थी।
आंवले का पौधा लगाएं
आंवला नवमी अपने घर के आंगन या आस-पास कहीं आंवला का पौधा लगाएं। प्रतिदिन इसमें पानी दें और दीपक लगाकर पूजा भी करें। जैसे-जैसे ये पौधा बढ़ा होता जाएगा, देवी लक्ष्मी की कृपा आप पर बढ़ती रहेगी। इससे आपके घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होगा।
आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करें
धर्म ग्रंथों के अनुसार, आंवला नवमी पर भगवान शिव-विष्णु और देवील लक्ष्मी ने आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन किया था। हमें भी इस दिन अपने परिवार सहित आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करना चाहिए। इससे परिवार में सामंजस्य और प्रेम बना रहता है।
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