सार

ज्योतिष शास्त्र में ऐसे अनेक मंत्रों के बारे में बताया गया है, जिनका जाप करने से ग्रहों का दोष दूर हो सकता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। एक मंत्र ऐसा भी है जिसका जाप करने से सभी ग्रहों की एक साथ पूजा की जा सकती है और सभी ग्रहों के शुभ फल भी मिल सकते हैं।

उज्जैन. एक मंत्र ऐसा भी है जिसका जाप करने से सभी ग्रहों की एक साथ पूजा की जा सकती है और सभी ग्रहों के शुभ फल भी मिल सकते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, यह मंत्र नौ ग्रहों की पूजा के लिए उपयोग किया जाता है। यदि इस मंत्र का रोज विधि-विधान से जाप किया जाए तो सभी ग्रहों का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं। ये है वो मंत्र…
ऊं ब्रह्मामुरारि त्रिपुरान्तकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुध च।
गुरू च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वेग्रहा: शान्ति करा: भवन्तु।।

जाप विधि
1.
रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर नव ग्रहों की पूजा करें।
2. इसके बाद नवग्रह की मूर्ति या चित्र के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का पांच माला जाप करें।
3. आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।
4. एक ही समय पर, एक ही आसन पर बैठकर और एक ही माला से ये मंत्र जाप किया जाए तो जल्दी ही इसके शुभ फल मिल सकते हैं।
5. इस मंत्र के जाप से बुरा समय दूर हो सकता है। अगर आप स्वयं इस मंत्र का जाप नहीं कर पाए तो किसी योग्य ब्राह्मण से भी इसका जाप करवा सकते हैं।