सार
Diwali 2022: दीपावली पर हर व्यक्ति अपने घर को अच्छे से अच्छा सजाने की कोशिश करता है। इस मौके पर घर के दरवाजे पर वंदनवार जरूर लगाया जाता है। ऐसा करने से न सिर्फ घर की सुदंरता बढ़ती है बल्कि शुभ फल भी मिलते हैं।
उज्जैन. घर में जब भी कोई शुभ कार्य जैसे विवाह आदि होते हैं तो वंदनवार जरूर लगाया जाता है। दीपावली (24 अक्टूबूर, सोमवार) के मौके पर भी वंदनवार लगाने की परंपरा है। वंदनवार भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। वंदनवार लगाने से घर की सुदंरता तो बढ़ती ही है साथ ही शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। यदि वास्तु नियमों के अनुसार वंदनवार का चयन किया जाए तो इसके शुभ फलों में और भी वृद्धि होती है। आगे जानिए दीपावली (Diwali 2022) पर वंदनवार लगाते समय किन बातों का ध्यान रखें…
पत्तों का वंदनवार सबसे शुभ
पुरातन समय में जब रेडिमेड वंदनवार नहीं मिलते थे, उस समय आम और अशोक के पत्तों को एक धागे में पिरोकर वंदनवार बनाया जाता था। दीपावली पर भी ऐसा ही वंदनवार लगाना चाहिए। मान्यता है कि सभी देवी-देवता इन पत्तियों की महक से आकर्षित होकर घर में प्रवेश करते हैं।
दिशा के अनुसार रखें इन बातों का ध्यान
अगर आपके घर का मुख्य दरवाजा पूर्व दिशा में है तो हरे रंग के फूलों और पत्तियों का वंदनवार लगाने से सुख-समृद्धि बढ़ सकती है। उत्तर के मुख्य द्वार के लिए नीले या आसमानी रंग के फूलों का वंदनवार और दक्षिण दिशा के मुख्य द्वार के लिए लाल या नारंगी रंगों का वंदनवार शुभ रहता है। पश्चिम के मुख्य द्वार के लिए पीले रंग के फूलों के वंदनवार लाभ और उन्नति में सहायक होगा।
इन बातों का ध्यान रखें
आज-कल बाजार में नए-नए तरह के आकर्षक और सुंदर दिखने वाले वंदनवार आसानी से मिल जाते हैं। इनमें से कुछ धातु के होते हैं, कुछ प्लास्टिक के तो कुछ लकड़ी के। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पश्चिम और उत्तर दिशा के द्वार पर धातु का वंदनवार लगाया जा सकता है। उत्तर, पूर्व और दक्षिण दिशा में बने प्रवेश द्वार पर लकड़ी का वंदनवार लगाया जा सकता है, लेकिन पश्चिम दिशा में लकड़ी से बने वंदनवार को लगाने से बचना चाहिए।
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