सार
भाद्रपद मास की अमावस्या को कुशग्रहणी अमावस्या कहते हैं। इस बार ये तिथि 18 अगस्त, मंगलवार को है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, अमावस्या को पितरों की तिथि माना गया है। यानी इस दिन पितरों के निमित्त दान, पूजा आदि करना चाहिए।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, अमावस्या को पितरों की तिथि माना गया है। यानी इस दिन पितरों के निमित्त दान, पूजा आदि करना चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष हो, वे अगर अमावस्या पर कुछ साधारण उपाय करें तो इस दोष में कुछ कमी आ सकती है। ये उपाय इस प्रकार हैं…
1. अमावस्या पर गरीबों को जरूरत की चीजें जैसे अनाज, भोजन, वस्त्र आदि चीजों का दान करें।
2. अमावस्या पर पीपल का पौधा लगाएं और रोज उस पर जल चढ़ाएं। इससे पितृ दोष से मिलने वाले अशुभ फल में कमी आ सकती है।
3. अमावस्या पर गाय को चारा खिलाएं। मछलियों के लिए तालाब में आटे की गोलियां बनाकर डालें। चींटियों के लिए शक्कर मिश्रित आटा डालें।
4. किसी पवित्र नदी में स्नान करके 1 मुट्ठी काले तिल प्रवाहित करें और सूर्यदेव से पितरों को प्रसन्न करने के लिए प्रार्थना करें।
5. वृद्धाश्रम में अनाज का दान करें या भोजन करवाएं।
6. योग्य ब्राह्मण को सपत्निक घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करें। भोजन के बाद उन्हें वस्त्र आदि दान करें।