सार
धर्म ग्रंथों के अनुसार, धन लाभ के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करना श्रेष्ठ उपाय है। धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्रों और स्तुतियों की रचना की गई है। उन्हीं में से एक है श्रीसूक्त।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, श्रीसूक्त का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है। श्रीसूक्त में सोलह मंत्र हैं। इस सूक्त का पाठ अगर पूरी श्रद्धा से किया जाए तो मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं और साधक को धन-संपत्ति प्रदान करती हैं। वैसे तो श्रीसूक्त का पाठ रोज करना चाहिए, लेकिन अगर समय न हो तो हर शुक्रवार को भी श्रीसूक्त का पाठ कर सकते हैं। श्रीसूक्त का पाठ कैसे करें, जानिए...
1. शुक्रवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर रेशमी लाल कपड़े पर माता लक्ष्मी की कमल पर बैठी मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
2. इसके बाद देवी लक्ष्मी को लाल फूल और पूजा की अन्य सामग्री जैसे- चंदन, अबीर, गुलाल, चावल आदि चढ़ाएं। खीर का भोग भी लगाएं।
3. इसके बाद श्रीसूक्त का पाठ करें। इसके बाद माता लक्ष्मी की आरती उतारें।
4. अगर हर शुक्रवार को इस विधि से देवी लक्ष्मी की पूजा न कर पाएं तो प्रत्येक महीने की अमावस्या और पूर्णिमा को भी ये उपाय करने से आपकी इच्छा पूरी हो सकती है।
5. अगर संस्कृत में पाठ न कर पा रहे हो तो हिंदी में धीरे-धीरे श्रीसूक्त का पाठ करें। मां लक्ष्मी का ध्यान करते रहें। दीपावली, नवरात्र में भी श्रीसूक्त का पाठ विधि-विधान से करना चाहिए।