सार
इस बार श्राद्ध पक्ष की शुरूआत 2 सितंबर से होगी, जो 17 सितंबर तक रहेगा। इन 16 दिनों में पितरों की आत्मा की शांति के लिए रोज श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण आदि किए जाते हैं।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति श्राद्ध आदि कर्म करने में सक्षम नहीं है तो एक छोटा सा उपाय करने से भी वह पितरों की कृपा पा सकता है। ये उपाय रोज 16 दिन करने से पितृ दोष भी कम हो सकता है।
श्राद्ध में रोज करें ये उपाय
- श्राद्ध पक्ष के दौरान रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
- इसके बाद घर में कोई स्थान चुनें, वहां की साफ-सफाई करें। मिट्टी के सकोरे (बर्तन) में गाय का उपला (कंडा) जलाएं।
- जब यह उपला ठीक से जल जाए तो इसे घर के साफ स्थान पर रखें। इसके बाद उस उपले पर घी-गुड़ और घर में बने भोजन से धूप दें। यानी अपने हाथों से थोड़ा-थोड़ा घी-गुड़ और भोजन उपले पर डालें।
- कम से कम 5 बार घी-गुड़ से और 5 बार भोजन से धूप दें। हर बार धूप देते समय नीचे लिखा मंत्र बोलें-
ऊँ पितृभ्य स्वधायीभ्य स्वधा नम: पितामयभ्य: स्वधायीभ्य स्वधा नम: प्रपितामयभ्य स्वधायीभ्य स्वधा नम:
- इसके बाद लोटे से हथेली में पानी लें और अपने अंगूठे के माध्यम से जमीन पर छोड़ दें।
- अब अपने पितरों को प्रणाम करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। 16 दिन तक रोज ये उपाय करने से पितरों की तीन पीढ़ियां तृप्त होती हैं।