सार

Govatsa Dwadashi 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को गोवत्स द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व गाय व बछड़ों की पूजा की जाती है। इस दिन ये पर्व 23 अगस्त को है। कुछ स्थानों पर इसे बछबारस भी कहते हैं।
 

उज्जैन. हिंदू धर्म में गाय को माता का स्थान दिया गया है। गाय में सभी देवी-देवताओं का निवास मानकर इसकी पूजा की जाती है। कई विशेष अवसरों पर गौ पूजा का विशेष महत्व भी बताया गया है। गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi 2022) भी ऐसा ही एक पर्व है। इस बार ये पर्व 24 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन गायों की पूजा करने से संतान से संबंधित शुभ फल मिलते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस दिन कुछ खास उपाय (Govatsa Dwadashi Ke Upay) करने से आपकी बिगड़ी किस्मत फिर से चमक सकती है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…


गौ माता की पूजा करें
गोवत्स द्वादशी पर गोमाता और उसके बछड़े की पूर्ति करने की परंपरा है। वैसे तो ये काम महिलाओं द्वारा किया जाता है, लेकिन शुभ फल पाने के लिए पुरुष भी ये काम कर सकते हैं। इस दिन बछड़े सहित गायों के पैर धोएं और ये मंत्र बोलें-
क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते।
सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्य नमो नम:॥
इस उपाय से आपकी सभी परेशानियां धीरे-धीरे दूर होती जाएंगी।


गौ माता को चारा खिलाएं
गोवत्स द्वादशी पर अगर किसी कारण वश गायों की पूजा न कर पाएं तो गाय को चारा भी खिलाकर भी पुण्य फल प्राप्त किया जा सकता है। इस दिन घर पर आई गाय का तिलक कर रोटी खिलाना चाहिए। संभव हो तो वस्त्र भी ओढ़ाएं। धर्म ग्रंथों के अनुसार गाय में सभी देवताओंक का निवास होता है। गाय की पूजा से हर देवता प्रसन्न होते हैं।


गौशाला में दान करें
अगर आप गोवत्स द्वादशी का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं तो इस दिन किसी गौ शाला में जाकर गायों के चारे के लिए अपनी इच्छा अनुसार दान करें। इससे गौ शाला की सभी गायों के भोजन का प्रबंध हो सके। इस उपाय से आपके बिगड़े हुए काम फिर से बन सकते हैं।


किसी ब्राह्मण को गाय दान करें
गोवत्स द्वादशी पर किसी ब्राह्मण को बछड़े सहित गाय का दान करें। इसके पहले गाय और बछड़े की की विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद ब्राह्मण देवता को ससम्मान गाय का दान करें, साथ ही अपनी इच्छा के अनुसार दक्षिणा भी दें। गाय दूध देने वाली हो तो अति उत्तम रहता है। इस उपाय से देवी लक्ष्मी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी।