सार
इस बार 19 नवंबर, मंगलवार को मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस दिन कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाता है।
उज्जैन. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने कालभैरव का अवतार लिया था। भगवान कालभैरव को तंत्र का देवता माना गया है। इनकी कृपा के बिना तंत्र साधना अधूरी रहती है। इनके 52 रूप माने जाते हैं। भगवान कालभैरव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन कुछ आसान काम करने चाहिए। ये काम इस प्रकार हैं...
1. मंगलवार को भगवान कालभैरव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक लगाएं। साथ ही नीले फूल भी चढ़ाएं।
2. किसी पुराने भैरव मंदिर में जाकर साफ-सफाई करें और भैरव प्रतिमा पर सिंदूर व सरसों के तेल से चोला चढ़ाएं।
3. कालभैरव अष्टमी पर भगवान कालभैरव को दही में गुड़ मिलाकर भोग लगाएं।
4. इस दिन घर में भैरव यंत्र की स्थापना करें और इसकी विधि-विधान से पूजा करें।
5. अष्टमी की सुबह भगवान कालभैरव के मंदिर में बैठकर ऊं कालभैरवाय नम: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
6. कुत्तों को भगवान कालभैरव का वाहन माना जाता है। इसलिए कालभैरव अष्टमी पर कुत्तों को रोटी खिलाएं।
7. इस दिन भगवान कालभैरव को शराब का भोग विशेष रूप से लगाना चाहिए।