सार

हमारे ग्रंथों में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी अनेक बातें बताई गई हैं, जिनके बारे में सभी लोग नहीं जानते।

उज्जैन. आज हम आपको पंचतंत्र के हितोपदेश में लिखे 1 ऐसे श्लोक के बारे में बता रहे हैं, जिसमें बताया गया है कि कौन-सी 4 चीजें मनुष्य के लिए अनर्थकारी हो सकती है यानी बर्बाद कर सकती है। ये 4 चीजें इस प्रकार हैं...

श्लोक
यौवनं धन संपत्ति: प्रभुत्वमविवेकिता।
एकैकमप्यनर्थाय किमु यत्र चतुष्टयम्।।
अर्थ-
जवानी, धन-संपत्ति, प्रभुत्व (अधिकार) और अज्ञानता। ये चारों ही अनर्थ की जड़ है। और ये सब एक ही व्यक्ति के पास हो तो फिर अनर्थ की सीमा ही नहीं होगी।

1. जवानी
जवानी के जोश में अक्सर लोग कई गलतियां कर बैठते हैं, जिसके कारण उन्हें भविष्य में पछताना पड़ता है। इसलिए जवानी को अनर्थकारी बताया गया है।

2. धन-संपत्ति
जिस व्यक्ति के पास अथाह धन-संपत्ति होती है, वो अभिमानी हो सकता है। यही अभिमान उसके लिए अनर्थ का कारण बन सकता है।

3. प्रभुत्व (अधिकार)
जो व्यक्ति किसी ऊंचे पद पर होता है, उसके पास बहुत से अधिकार भी होते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हैं। यही अनर्थ का कारण होता है।

4. अज्ञानता
जिस व्यक्ति को अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं होता, वो स्वयं का शत्रु माना गया है। अज्ञानता ही उसके लिए अनर्थकारी होती है।