सार
21 जुलाई, मंगलवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा। मंगलवार को पुष्य नक्षत्र होने से इसे मंगल पुष्य कहा जाएगा।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा गया है। इस नक्षत्र में किया गया दान, उपाय आदि शुभ फल प्रदान करते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल अशुभ स्थान पर हो, वे यदि मंगल पुष्य के शुभ योग में कुछ आसान उपाय करें तो मंगल दोष के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
1. मंगल के अशुभ फल से बचने के लिए मंगल पुष्य पर हनुमानजी की पूजा करें। हो सके तो सुंदरकांड का पाठ भी करें।
2. मंगल पुष्य से शुरू कर प्रत्येक मंगलवार को बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं। इससे मंगल का अशुभ फल कम हो सकता है।
3. मसूर की दाल का दान करें या नदी में प्रवाहित करें। मंगलवार को मसूर की दाल खाने से बचें।
4. किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर मंगल का रत्न मूंगा धारण करें। अंगूठी के लिए तांबे का उपयोग करें, क्योंकि ये मंगल की धातु है।
5. मंगल पुष्य की सुबह स्नान आदि करने के बाद मंगलदेव की पूजा करें और रुद्राक्ष की माला से ऊं अं अंगारकाय नमः मंत्र का जाप करें।
6. मंगल पुष्य पर किसी मंदिर में लाल रंग का झंडा दान करें। इससे भी मंगल दोष में कमी आ सकती है।