सार
9 फरवरी को त्रयोदशी तिथि होने से मंगल प्रदोष का योग इस दिन बन रहा है। त्रयोदशी पर भगवान शिव की पूजा का विधान हैं, वहीं मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना जाता है।
उज्जैन. मंगल प्रदोष पर भगवान शिव की पूजा के साथ हनुमानजी को प्रसन्न करने के उपाय भी करने चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार मंगलवार को पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से मित्र और मानस नाम के 2 शुभ योग भी बन रहे हैं। जिसके कारण ये मंगल प्रदोष और भी शुभ फल देने वाला रहेगा। जानिए इस दिन कैसे करें शिवजी की पूजा और उपाय…
इस विधि से करें शिवजी की पूजा
- प्रदोष में बिना कुछ खाए व्रत रखने का विधान है। ऐसा करना संभव न हो तो एक समय फल खा सकते हैं। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
- भगवान शिव-पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं।
- शाम के समय फिर से स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं।
- आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं। इसके बाद शिवजी की आरती करें। रात में जागरण करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें। इस तरह व्रत व पूजा करने से व्रती (व्रत करने वाला) की हर इच्छा पूरी हो सकती है।
मंगल प्रदोष पर करें बजरंग बाण का पाठ...
मंगल प्रदोष पर साफ कपड़े पहनकर एक लाल कपड़े पर हनुमान की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। अबीर, गुलाल आदि चढ़ाएं और लाल फूल अर्पित करें। गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं तो पाठ के अंत तक जलता रहे। घर में बने शुद्ध घी के चूरमे का भोग लगाएं। अगर संभव न हो तो गुड़-चने का भोग भी लगा सकते हैं। इसके बाद बजरंग बाण का पाठ करना शुरू करें। पाठ समाप्त होने पर हनुमानजी के कष्टों का निवारण करने के लिए प्रार्थना करें।